नयी दिल्ली। अंतरिक्ष क्षेत्र के स्टार्ट-अप स्काईरूट एयरोस्पेस ने मंगलवार को स्वदेश निर्मित विक्रम-1 रॉकेट का अनावरण किया, जिसके जरिये अगले साल की शुरूआत में उपग्रहों को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किये जाने की उम्मीद है। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेन्द्र सिंह ने दक्षिण हैदराबाद के ममीडिपल्ली में जीएमआर एयरोस्पेस और इंडस्ट्रियल पार्क में स्टार्ट-अप के नये मुख्यालय द मैक्स-क्यू कैंपस का भी उद्घाटन किया।
सिंह ने 60,000 वर्ग फुट में फैले स्काईरूट मुख्यालय का दौरा किया, और इसे देश के सबसे बड़े निजी रॉकेट विकास सुविधा केंद्र के रूप में पेश किया। विक्रम-1 एक बहु-स्तरीय प्रक्षेपण यान है, जो लगभग 300 किलोग्राम पेलोड को पृथ्वी की निचली कक्षा में पहुंचाने की क्षमता रखता है। यह पूरी तरह से कार्बन-फाइबर-ढांचा वाला रॉकेट है, जो कई उपग्रहों को कक्षा में स्थापित कर सकता है और इसमें 3 डी-प्रिंटेड तरल इंजन हैं।
An incredibly proud moment as we reveal the Vikram-I orbital space launch vehicle, graced by Hon. MoS @DrJitendraSingh, visiting our new headquarters, the MAX-Q, which is potentially one of the world’s largest private rocket factories under a single roof. Our Vikram-I, a… pic.twitter.com/qIisJnzDib
— Skyroot Aerospace (@SkyrootA) October 24, 2023
पिछले साल 18 नवंबर को विक्रम-एस रॉकेट के सफल प्रक्षेपण के बाद, विक्रम-1 स्काईरूट का दूसरा रॉकेट होगा, जिसे 2024 की शुरूआत में प्रक्षेपित करने की योजना है। स्काईरूट के नये मुख्यालय में अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान के निर्माण के लिए एकीकृत डिजाइन, विनिर्माण और परीक्षण सुविधाएं तथा 300 कर्मियों का मजबूत कार्यबल है।
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