Silkyara Tunnel: सुरंग से बाहर आने के बाद कैसी है मजदूरों की हालत? डॉक्टर ने बताया सेहत का हाल

highlights

  • चिनयालीसौड़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भर्ती से सभी श्रमिक
  • 18 डॉक्टर्स की टीम कर रही मजदूरों के स्वास्थ्य की निगरानी
  • चिनूक हेलिकॉप्टर से ऋषिकेश एम्स भेजे जाएंगे श्रमिक

New Delhi:  

Silkyara Tunnel: उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को 17 दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद मंगलवार देर शाम बाहर निकाल लिया गया. मजदूरों को टनल से रेस्क्यू करने के तुरंत बाद चिन्यालीसौड़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया. जहां चिकित्सकों ने उनकी स्क्रीनिंग कर स्वास्थ्य जांच की, फिलहाल मजदूर चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन के नोडल ऑफिसर (स्वास्थ्य) डॉ. बिमलेश जोशी ने बताया कि सभी 41 मजदूर ठीक और स्वस्थ्य हैं. उन्होंने कहा कि रेस्क्यू करने के बाद उनकी दो बार जांच की गई.  पहली बार कल रात सुरंग के अंदर और उसके बाद आज सुबह सभी मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया.

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18 डॉक्टरों की टीम कर रही है मजदूरों की निगरानी

बता दें कि चिनयालीसौड़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 18 डॉक्टरों की एक टीम मंगलवार रात से ही सभी मजदूरों के स्वास्थ्य की निगरानी कर रही है. जिसमें से 10 जीडीएमओ और आठ विशेषज्ञ शामिल हैं. इन विशेषज्ञों में सभी रोगों के एक्सपर्ट भी मौजूद हैं. इसके साथ ही एक पैरामेडिकल स्टाफ भी मजदूरों की देखभाल के लिए तैनात किया गया है. इस तरह से अस्पताल में करीब 50 कर्मचारी सिलक्यारा टनल से बाहर लाए गए सभी श्रमिकों की देखभाल में लगे हुए हैं. डॉ. बिमलेश जोशी के मुताबिक, मंगलवार रात से ही सभी 41 श्रमिकों को संतुलित आहार दिया गया है, जिसमें पनीर, उबला अंडा, खीर, रोटी, सब्जियां और चावल शामिल हैं.

चिनयालीसौड़ से ऋषिकेश भेजे जाएंगे सभी श्रमिक

डॉ. बिमलेश जोशी का कहना है कि चिनयालीसौड़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से मजदूरों को ऋषिकेश एम्स भेजने की तैयारी चल रही है. इन श्रमिकों को भारतीय वायु सेना (IAF) के चिनूक हेलीकॉप्टर से ऋषिकेश शिफ्ट किया जाएगा. वहीं श्रमिकों के परिजनों को एम्बुलेंस या किसी अन्य वाहन से भेजा ऋषिकेश भेजा जा सकता है. बिमलेश जोशी के मुताबिक, श्रमिकों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं है, हालांकि उन्हें अभी निगरानी में रखा जाएगा.

डॉक्टर्स की सलाह से दिया जा रहा भोजन

सरकारी सुत्रों के मुताबिक, फिलहाल सभी श्रमिकों को डॉक्टर्स की सलाह के अनुसार भोजन दिया जा रहा है. इससे पहले, मंगलवार शाम को सुरंग से बाहर लाने के बाद श्रमिकों के मानसिक स्वास्थ्य को स्थिर बनाए रखने के उनसे लगातार संचार बनाए रखा गया. अभियान के प्रभारी गढ़वाल मंडल के स्वास्थ्य निदेशक डॉ. प्रवीण कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दोनों लगातार घटनास्थल पर मौजूद रहे. साथ ही स्वास्थ्य टीमें लगातार श्रमिकों का मनोबल बढ़ाती रहीं. उन्होंने कहा कि, “हमारे राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री लगातार घटनास्थर पर मौजूद रहे. पहले दिन से ही हमारी टीमें उनका मनोबल बढ़ाने की कोशिश कर रही थीं और सुरंग में फंसे श्रमिकों से संपर्क स्थापित करने की कोशिश कर रही थीं.”

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