
लेह लद्दाख में सोनम वांगचुक से मुलाकात करते हसूडी के ग्राम प्रधान दिलीप त्रिपाठी और उनकी टीम।
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लद्दाख के लेह में माइनस नौ डिग्री तापमान। गर्म कपड़ों के बावजूद सर्दी का अहसास चरम पर था, लेकिन पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक के कॉर्बन न्यूट्रल घर में दाखिल होते ही सर्दी गायब हो गई। लेह दौरे पर गई डुमरियागंज के हसुड़ी औसानपुर की टीम ने मंगलवार को वांगचुक से मुलाकात के दौरान यह महसूस किया।
हसुड़ी औसानपुर को कार्बन न्यूट्रल पंचायत बनाने के उद्देश्य से ग्राम प्रधान दिलीप त्रिपाठी के नेतृत्व में एक टीम लेह दौरे पर है। कड़कड़ाती सर्दी में मंगलवार को टीम वांगचुक के घर पहुंची तो घास-फूस और देसी तकनीक से बने घर में गर्मी का अहसास हुआ।
दिलीप त्रिपाठी ने बताया कि मंगलवार सुबह नौ बजे लेह में बाहर माइनस नौ डिग्री सेल्सियस तापमान था, जबकि वांगचुक के घर के अंदर 24 डिग्री। घर में बिजली कनेक्शन नहीं है, रोशनी और अन्य जरूरतों के लिए सौर ऊर्जा का इस्तेमाल होता है। मकान निर्माण में सीमेंट, सरिया और कंक्रीट की जगह बल्ली पटरा, वॉटर प्रूफ शीट और मिट्टी का प्रयोग किया गया है। 150 एकड़ के परिसर में वाहन भी बैटरी संचालित किए जाते हैं।
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