SI पिंकी की कहानी, तुर्किए की फर्स्ट लेडी की मदद देख पीएम भी बने मुरीद

Delhis si pinki ranis story: दिल्ली के मुखर्जी नगर पुलिस स्टेशन में तैनात सब इंस्पेक्टर पिंकी रानी के खास अनुभव के बारे में आपको बता रहे हैं। जिसको पिंकी ने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ साझा किया। मूल रूप से हरियाणा के गोच्ची गांव की रहने वालीं पिंकी लंबे समय से पुलिस में सेवाएं दे रही हैं। जिनको जी 20 नेताओं की पत्नियां अपने साथ खरीदारी के लिए लेकर गई थीं। यहां उनको दिल्ली हाट में मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

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तुर्किए की फर्स्ट लेडी एमीन एर्दोगन को हाथ से बने कपड़े पसंद आ गए थे, लेकिन उनकी भाषा को दुकानदार नहीं समझ पा रहा था। जिसके बाद जी20 ऐप रानी के काम आई। ये सब रानी ने खुद पीएम के आगे साझा किया। शुक्रवार को पीएम मोदी ने भारत मंडपम का दौरा किया था। जहां पर विभिन्न विभागों, सफाई कर्मियों और वेटरों समेत लगभग 3 हजार लोगों से बातचीत की थी। इन लोगों ने जी20 समिट में अच्छा योगदान दिया था।

इंस्पेक्टर की मां को आया अटैक, नहीं गए घर

इस दौरान पिंकी रानी ने कहा कि वे एमिन मैम को दिल्ली हाट लेकर गए थे। वे कपड़े के खास डिजाइन के बारे में जानना चाह रही थीं। लेकिन दुकानदार तुर्की को समझ नहीं पा रहा था। मैम हिंदी में बात नहीं कर सकती थी। लेकिन मैंने जी20 ऐप की मदद से दुकानदार और मैम दोनों को एक-दूसरे की इच्छाओं से रूबरू करवा दिया। इसके बाद तीन दिन तक जी20 समिट में ड्यूटी देने वाले इंस्पेक्टर सुरेश कुमार का नंबर आया।

उनको भारत मंडपम में एल1 रूम के पास तैनात किया गया था। लेकिन तभी जानकारी मिली कि मेरी मां को दिल का दौरा पड़ने के बाद हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया है। ये 9 सितंबर की बात है। मैं मां के पास जाना चाहता था, लेकिन मुझे लगा कि इस समय ड्यूटी को मेरी जरूरत है। इस पर पीएम बोले कि मैं अच्छे से जान सकता हूं कि आपने देश हित हो हर चीज से ऊपर रखा है।

सफाईकर्मी की मां बोली-मेहनत करो, निराश मत होना

इस दौरान कई श्रमिकों ने भी अपने कौशल के बारे में अपनी कहानियों को साझा किया। पीएम को हिमाचल प्रदेश के अक्षर सिंह ने अपने हुनर से अवगत करवाया। इसके बाद 44वीं सीआरपीएफ बटालियन के कांस्टेबल-ड्राइवर ने भी अपने हुनर के बारे में बताया कि कैसे उन लोगों ने बाएं हाथ से वाहन चलाना सीखा। उन लोगों को जी20 समिट में वैश्विक नेताओं की सुरक्षा को लेकर काम सौंपा गया था। बाएं हाथ से दो माह तक इनको गाड़ी चलाने की ट्रेनिंग भी दी गई थी। उन्होंने पीएम को ये भी बताया कि 3 दिन तक मेक्सिको के नेताओं के लिए ड्राइविंग का काम किया है।

इसके बाद प्रवीण कुमार ने अनुभव बताया। कहा कि कार्यक्रम के लिए लगभग 41 रास्ते चुने गए थे। जहां से वीआईपी गुजरने थे, जिनको चमकाया जाना था। लेकिन एक दिन मैं ड्यूटी खत्म करने के बाद लगभग 3 बजे रात को घर आया था। इतने में जानकारी मिली की लीला होटल के पास एक्सीडेंट के कारण कुछ गमले टूट गए हैं। यहां पर एलजी निरीक्षण को आने वाले हैं। इस पर मेरी मां ने कहा कि हो सके तो 2-3 दिन वहीं रहो। मेहनत करो, निराश मत होना। मैं तुरंत मौके पर पहुंच काम में जुट गया था।

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