नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को तिहाड़ जेल के प्राधिकारियों को सनसनीखेज श्रद्धा वाल्कर हत्याकांड के मुख्य आरोपी आफताब अमीन पूनावाला को रात में जेल की कोठरी में अकेले बंद किए जाने से पहले उसे दिन में आठ घंटे के लिए बाहर लाने की अनुमति देने को कहा। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की अगुवाई वाली पीठ ने पूनावाला की एक याचिका पर यह आदेश दिया।
याचिका में कहा गया है कि सुरक्षा की आड़ में उसे जेल की कोठरी में अकेले बंद नहीं रखा जा सकता। पीठ में न्यायमूर्ति गिरीश कठपालिया भी हैं। पूनावाला के वकील ने दावा किया कि अन्य कैदियों को एक दिन में आठ घंटे के लिए कोठरी से बाहर ले जाया जाता है लेकिन पूनावाला को सुबह और शाम एक-एक घंटे के लिए ही बाहर आने की अनुमति है। पीठ ने कहा, ‘‘चूंकि यह याचिकाकर्ता के वकील का अनुरोध है तो हम जेल प्राधिकारियों को उसे अन्य कैदियों की तरह आठ घंटे के लिए बाहर ले जाए जाने का निर्देश देते हैं और रात को उसे जेल की कोठरी में अकेले बंद किया जाए।’’
जेल प्राधिकारियों के वकील ने कहा कि खतरे की आशंका के कारण आरोपी को अन्य कैदियों के साथ नहीं रखा गया है। उन्होंने पहले कहा था कि पूनावाला पर रोहिणी में विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) ले जाते वक्त हुए हमले के बाद निचली अदालत ने उसे उचित सुरक्षा मुहैया कराने के संबंध में निर्देश दिए थे। पूनावाला के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल को जेल में किसी से भी बातचीत नहीं करने दी जाती और उसे अलग कोठरी में बंद किया गया है जबकि उसने कोई ‘‘जेल अपराध’’ नहीं किया है।
पूनावाला पर 18 मई 2022 को दिल्ली के महरौली में अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वाल्कर की गला घोंटकर हत्या करने और उसके शव के टुकड़े-टुकड़े करने का आरोप है। उसने कथित तौर पर वाल्कर के शव के टुकड़ों को एक फ्रिज में रखा और कई दिनों तक उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में अलग-अलग स्थानों पर फेंकता रहा। दिल्ली पुलिस ने 24 जनवरी 2023 को इस मामले में 6,629 पृष्ठों का आरोपपत्र दाखिल किया था। इसके बाद यहां एक निचली अदालत ने पूनावाला के खिलाफ हत्या और सबूतों को मिटाने के आरोप तय किए थे।
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