
देश का नाम रोशन करने का संकल्प
वाराणसी जिले के सिगरा इलाके में रहने वाले शैलेंद्र प्रकाश त्रिपाठी के बेटे शशांक त्रिपाठी ने बताया कि शूटिंग चैंपियनशिप में वे देश का नाम रोशन करने का संकल्प लिए हैं। केरल में आयोजित शूटिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने के पहले भी शशांक कई बार पदक हासिल कर चुके हैं और स्टेट और नेशनल चैंपियनशिप में कुल 32 पदक जीते हैं। शशांक के पिता मिर्जापुर में डिप्टी एसपी के पद पर तैनात हैं। शशांक का कहना है कि अपने पिता शैलेंद्र प्रकाश त्रिपाठी की सरकारी पिस्टल देख कर उनको शूटिंग करने की प्रेरणा मिली। उन्होंने बचपन से ही शूटिंग करने का प्लान किया था।

2015 से शुरू किए शूटिंग करियर
शशांक त्रिपाठी वर्ष 2015 से शूटिंग कार्य प्रारंभ किए और अब तक नेशनल और स्टेट लेवल पर आयोजित शूटिंग चैंपियनशिप में करीब 32 से अधिक मेडल प्राप्त कर चुके हैं। शशांक का कहना है कि राइफल से 50 मीटर और बिग बोर राइफल से 300 मीटर की शूटिंग में उनको महारत हासिल है। शशांक ने बताया कि केरल में जो भी उपलब्धि हासिल हुई है उसमें उनके माता-पिता, गुरुजन और श्री काशी विश्वनाथ की कृपा है। शशांक के पिता द्वारा लगातार उनको उत्साहित किया जाता रहा है, यही कारण है कि पिता के उत्साहवर्धन की वजह से शशांक ने केरल में आयोजित नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर वाराणसी ही नहीं उत्तर प्रदेश का भी मान बढ़ाया है।

सूर्यदीप और समीर ने भी जीता पदक
केरल में आयोजित इस नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में वाराणसी के शशांक त्रिपाठी के अलावा वाराणसी के हरहुआ ब्लाक अंतर्गत चौका गांव के रहने वाले सूर्यदीप और आगरा जिला के रहने वाले समीर डागर ने भी सिल्वर मेडल हासिल किया है। चौका गांव के रहने वाले सूर्यदीप के पिता खेती किसानी करते हैं। सितंबर माह में संदीप ने दिल्ली के करणी सिंह स्टेडियम में भी स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था। सूर्यदीप के परिवार में सूर्यदीप के अलावा छोटा भाई हर्षदीप भी शूटिंग प्लेयर हैं। शूटिंग चैंपियनशिप में मेडल जीतने वाले 2 खिलाड़ियों के चलते वाराणसी में हर्ष का माहौल है। दोनों खिलाड़ियों के परिजनों को लोगों द्वारा बधाइयां दी जा रही है।