Shankaracharya Vijayendra Saraswati ने भी किया कार्यक्रम का समर्थन, राम विरोधियों के उड़ गये होश

कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल जोकि प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने के लिए अयोध्या नहीं जा रहे हैं। उनका कहना है कि चूंकि यह आयोजन शास्त्र सम्मत तरीके से और शंकराचार्यों की सलाह लेकर नहीं हो रहा है इसलिए यह धार्मिक आयोजन नहीं है। यहां हम कांग्रेस को बताना चाहेंगे कि प्राण प्रतिष्ठा संबंधी पूजन पूर्णतः शास्त्र सम्मत और मर्यादित तरीके से संपन्न किया जायेगा और शंकराचार्यों ने भी कार्यक्रम की सफलता की कामना की है। चार में से अब तक तीन शंकराचार्यों के इस संदर्भ में बयान सामने आ चुके हैं जिसमें उन्होंने कहा है कि उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का किसी तरह का विरोध नहीं किया है।

हम आपको बता दें कि श्रृंगेरी शारदा पीठ के शंकराचार्य अनंत श्री विभूषित जगद्गुरु भारती तीर्थ और शंकराचार्य मठ द्वारकाशारदा पीठ गुजरात के जगद्गुरु शंकराचार्य पहले ही सभी प्रकार की अफवाहों का खंडन कर चुके थे और अब कांची कामकोटि मठ के शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती स्वामीगल ने भी कह दिया है कि भगवान राम की कृपा से अयोध्या श्रीराम जन्मभूमि में 22 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन का कार्यक्रम होना है। इस कार्यक्रम में यज्ञशाला का पूजन भी होगा। उन्होंने कहा कि 100 से अधिक विद्वान लोगों द्वारा यज्ञशाला पूजन और हवन का कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेषकर भारत के तीर्थ स्थानों के विकास करने में श्रद्धा रखते हैं। उन्होंने केदारनाथ और काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रांगण का विस्तार भी किया है।

अयोध्या की तैयारियां

जहां तक अयोध्या में चल रही तैयारियों की बात है तो आपको बता दें कि अयोध्या स्थित राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने वाले सभी अतिथियों को उपहारस्वरूप ‘रामरज’ दी जाएगी और उन्हें प्रसाद के रूप में देसी घी से बने मोतीचूर के विशेष लड्डू दिए जाएंगे। एक सरकारी बयान के मुताबिक, 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने वाले मेहमानों को मंदिर की बुनियाद की खुदाई के दौरान निकाली गई मिट्टी (रामरज) भेंट की जाएगी। बयान के अनुसार, राम जन्मभूमि की इस मिट्टी को विशेष छोटे बक्से में पैक किया जाएगा और प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने वाले मेहमानों को भेंट किया जाएगा। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से जुड़े एक सदस्य ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मंदिर की तस्वीर भेंट की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह में ट्रस्ट ने देश भर से 11,000 से अधिक मेहमानों को आमंत्रित किया है और इन सभी लोगों को यादगार उपहार देने की व्यवस्था की जा रही है।

इसके अलावा, अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा समारोह की शाम सरयू तट पर दिवाली जैसा जश्न मनाया जाएगा, जहां इस दिन दीपोत्सव के साथ ही सरयू तट पर आतिशबाजी का भी आयोजन किया जाएगा। मंडलायुक्त गौरव दयाल ने बताया कि 14 जनवरी से 21 जनवरी के बीच अयोध्या में विशेष सफाई अभियान चलाया जाएगा और सभी कार्यालयों में विशेष रोशनी की व्यवस्था की जाएगी।

इसके अलावा, रामलला के नूतन विग्रह का गंगा गाय के परिवार के दुग्ध से अभिषेक कराया जाएगा जिसके बाद अनुष्ठान की शुरुआत होगी। बताया जा रहा है कि हर दिन रामलला को गज और गाय का दर्शन कराया जाएगा। इसी के साथ प्राण प्रतिष्ठा को लेकर नित्य वेद मंत्रों के उच्चारण और महायज्ञ का आयोजन भी किया जायेगा। 22 जनवरी को रामलला को गाय के शुद्ध दुग्ध से अभिषेक के बाद भव्य श्रृंगार और वस्त्र धारण कराये जाएंगे और इसी के साथ प्राण प्रतिष्ठा के बाद अनुष्ठान सम्पन्न हो जाएगा। हम आपको बता दें कि अयोध्या में मंदिर आंदोलन के दौरान 1992 में कारसेवकपुरम पर श्री राम गौशाला स्थापित की गयी थी। उस दौरान एक गंगा गाय पहुंची थी। जिसका परिवार आज भी इस गौशाला में राम मंदिर का इंतजार कर रहा है। 22 जनवरी को उसी परिवार की गाय के दुग्ध से रामलला का अभिषेक किया जाएगा। आज इस गौशाला में 60 गायें है। जिनसे निकलने वाले दूध को राम मंदिर में पूजन के लिए भेजा जाता और शेष बचे दुग्ध को प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है।

इसके अलावा भगवान राम को देश-विदेश से उपहार आ ही रहे हैं। इसी कड़ी में बिहार के सीतामढ़ी से लोग बड़ी संख्या में माता सीता और भगवान राम के लिए भेंट लेकर नाचते गाते हुए अयोध्या के लिए रवाना हुए।

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