कुंदन कुमार/गया. पितृ पक्ष में सर्व पितृ अमावस्या का विशेष महत्व होता है. यह श्राद्ध पक्ष का अंतिम दिन होता है. इस दिन उन सभी पूर्वजों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु तिथि के बारे में पता ना हो. पितृ पक्ष के दिनों में अगर आप अपने पितरों का श्राद्ध नहीं कर पाए हों तो इसके लिए भी सर्व पितृ अमावस्या का दिन उत्तम माना जाता है. इस बार सर्वपितृ अमावस्या 14 अक्टूबर को है. पितृ पक्ष के 15 दिन में तर्पण नहीं कर पाए हों तो सर्व पितृ अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण कर उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं. माना जाता है कि इस दिन तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है.
सर्व पितृ अमावस्या 14 अक्टूबर को
पितृ अमावस्या पर जानकारी देते हुए गया मंत्रालय वैदिक पाठशाला के पंडित राजा आचार्य बताते हैं कि पितृपक्ष में घर के लोग जो गुजर गये हैं, उनकी आत्मा को शांति देने के लिए इतना जरूर करें कि सर्व पितृ अमावस्या को गीता के 7वें अध्याय का पाठ करें. सूर्य भगवान के सामने जल और अन्न ले जाकर प्रार्थना करें कि “हे सूर्यदेव, यमराज आपके पुत्र हैं, हमारे घर के जो भी गुजर गये उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें. आज के दिन गीता के पाठ का पुण्य उनके लिए दीजिये.” पितृगण राजी होंगे, घर में अच्छी संतान जन्म लेगी यह सर्व पितृ अमावस्या के दिन जरूर करें.
पितरों की नाराजगी से बचने के लिए करें यह उपाय
सर्वपितृ अमावस्या के दिन अगर कोई गरीब, जरूरतमंद आपके घर आता है तो उसे खाली हाथ नहीं भेजना चाहिए वरना पितृ नाराज हो सकते हैं. पितरों की नाराजगी से बचने के लिए घर आए जरूरतमंद को अवश्य ही कुछ न कुछ अपनी क्षमता अनुसार दान करें.
सर्वपितृ अमावस्या के दिन किसी का भी अपमान न करें, न ही किसी से अपशब्द कहें. वरना ये पितरों की नाराजगी का कारण बन सकता है. साथ ही सर्वपितृ अमावस्या के दिन तामसिक भोजन और मदिरा आदि से दूर रहें.
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FIRST PUBLISHED : October 9, 2023, 17:02 IST