Sardarshahar Upchunav : कांग्रेस ने सहानुभूति कार्ड की RLP ने निकाली काट, त्रिकोणीय मुकाबले में जानें अब कौन पड़ेगा भारी

जयपुर: सरदार शहर में उपचुनाव के लिए 5 दिसंबर को मतदान होना है। इसलिए शनिवार 3 दिसंबर को चुनाव प्रचार थम गया। बीजेपी और कांग्रेस के साथ हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने भी चुनावी मैदान में ताल ठोक रखी है। मतदान से एक दिन पहले 4 दिसंबर को प्रत्याशी और उनके समर्थक नेता पैदल घूमकर या घर घर जाकर लोगों से वोट मांग सकेंगे। चुनाव आचार संहिता की गाइड लाइन के अनुसार मतदान से एक दिन पहले जनसभाओं का आयोजन नहीं किया जा सकेगा।

जाट प्रत्याशी उतार कर आरएलपी ने बना दिया त्रिकोणीय मुकाबला
सरदार शहर उपचुनाव में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने डेयरी लालचंद मूंड को चुनाव मैदान में उतारा है। सरदार शहर में जाट मतदाता काफी संख्या में हैं। ऐसे में आरएलपी प्रत्याशी लालचंद मूंड चुनावी समीकरण को बदलने में काफी हद तक कामयाब रहेंगे। लालचंद मूंड चूरू जिला दुग्ध उत्पादक संघ के अध्यक्ष हैं। वे पहले सरपंच भी रह चुके हैं और वर्तमान में मूंड की पत्नी सरपंच है। इस वजह से उनकी जाट समाज में काफी अच्छी पकड़ है। अधिकतर जाट वोट मूंड के पाले में जा सकते हैं। इस वजह से कांग्रेस को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा।

कांग्रेस ने खेला सहानुभूति कार्ड
कांग्रेस ने स्वर्गीय भंवरलाल शर्मा के बेटे अनिल शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है। स्वर्गीय भंवरलाल शर्मा सरदार शहर से 7 बार विधायक रह चुके हैं। ब्रह्माण समाज में अनिल शर्मा की काफी अच्छी पकड़ है। वे ब्रह्माण महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं। वर्ष 1995 में अनिल शर्मा सरदार शहर नगर पालिका के चेयरमैन भी रह चुके हैं। कांग्रेस ने सहानुभूति कार्ड खेलते हुए स्वर्गीय भंवर लाल शर्मा के बेटे अनिल शर्मा को दिया है। सहानूभूति के कारण पार्टी के वोट मिलेंगे जिससे जीतने की संभावना ज्यादा बन रही है।

करीब 3 लाख मतदाता चुनेंगे अपना नया विधायक
सरदार शहर उपचुनाव के लिए 5 दिसंबर को मतदान होगा और 8 दिसंबर को मतगणना होगी। मुख्य चुनाव अधिकारी के मुताबिक उपचुनाव में 2 लाख 89 हजार 579 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें से 1 लाख 52 हजार 640 पुरुष मतदाता हैं जबकि 1 लाख 36 हजार 935 महिला मतदाता हैं। साथ ही 4 मतदाता ट्रांसजेंडर हैं जबकि 497 सर्विस वोटर्स भी हैं।

यह हैं जातिगत फैक्टर
सरदार शहर में जातिगत वोटों की बात करें तो जाट वोटर सर्वाधिक हैं। यहां करीब 65 हजार जाट मतदाता हैं। दूसरे स्थान पर दलित समाज के वोट हैं। करीब 55 हजार से ज्यादा दलित वोटर्स हैं। इसके साथ ही करीब 45 हजार ब्राह्मण मतदाता, 23 हजार मुस्लिम, 20 हजार राजपूत और शेष अन्य समाजों के वोट हैं। जाट वोटर्स ज्यादा होने के चलते आरएलपी प्रत्याशी द्वारा काफी वोट प्राप्त करने की संभावना है। (रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)

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