Sanjeevani: फेडरल बैंक के MVS मूर्ति बोले- स्क्रीनिंग ही है कैंसर से असल बचाव

नई दिल्ली: रेगुलर स्क्रीनिंग के जरिए कैंसर के अर्ली डिटेक्शन को बढ़ावा देने के लिए फेडरल बैंक, न्यूज18 नेटवर्क और टाटा ट्रस्ट ने एक पहल की है, जिसका नाम है ‘संजीवनी: यूनाइटेड अगेंस्ट कैंसर’. यह एक अभियान ही नहीं है, बल्कि यह व्यक्तियों के अपने स्वास्थ्य पर नियंत्रण रखने के लिए सशक्त बनाने और उन्हें यह समझाने के लिए आंदोलन है कि समय पर जांच क्यों जरूरी है. कैंसर से बचाव के लिए क्या करना चाहिए और स्क्रीनिंग कितना जरूरी है, इस विषय पर फेडरल बैंक के सीएमओ एमवीएस मूर्ति ने न्यूज18 इंडिया के मैनेजिंग एडिटर किशोर अजवानी संग बातचीत की और उन्होंने बताया कि रेगुलर स्क्रीनिंग ही कैंसर का बचाव है. इसके लिए हमें लोगों को जागरूक करने की जरूरत है.

कैंसर को बढ़ने से रोकने के लिए नियमित जांच पर आपका फोकस क्यों है? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पहला तो ये कि हम ये सोच रहे थे कि संजीवनी पहल को कैसे परमानेंट किया जाए. संजीवनी का मतलब है आशा या उम्मीद. तो अगर हमें उम्मीद चाहिए तो इसका मतलब यह नहीं है कि हम फिर से कोविड जैसी महामारी के आने का इंतजार करें. लेकिन जो अभी समस्याएं हैं, क्या उसे लेकर हम कुछ कर सकते हैं. जैसे अभी कैंसर है… भारत में कैंसर को लेकर हम जांच नहीं करते और जब जांच करते हैं, तब तक यह बीमारी बढ़ जाती है.

उन्होंने आगे कहा कि यह स्टेज-3 या स्टेज-4 तक पहुंच चुका होता है. और भले ही आपकी उम्र कितनी भी हो… आप छोटे हो या बुजुर्ग… उस स्टेज से रिकवर करना मुश्किल हो जाता है. तो लोगों में ये जागरूकता ले आना कि कैंसर जो है, उसे हमलोग पहले पकड़ सकते हैं, उसके लिए नियमित जांच कराएं. जैसे हमलोग साल में अपने शरीर का हेल्थ चेकअप कराते हैं, वैसे ही हमलोग अगर कैंसर का भी टेस्ट डाल दें, तो हो सकता है कि यह उस स्तर तक ना पहुंचे…और ऐसा करने से हम इस बीमारी से रिकवर कर सकते हैं, बहुत सारे लोगों को बचा पाएंगे.

बता दें कि 27 सितंबर को संजीवनी कार्यक्रम को लॉन्च किया जाएगा, जिसका मकसद इस बार कैंसर के खिलाफ लोगों को जागरूक करना है. एक सर्वे की मानें तो रेगुलर स्क्रीनिंग से 95 फीसदी कैंसर से बचा जा सकता है. यह कार्यक्रम 27 सितंबर की शाम में होगा, जिसमें कई विशेषज्ञ शामिल होंगे. इसका सीधा प्रसारण न्यूज18 के चैनलों पर देखा जा सकता है.

Tags: Cancer, India news, Sanjeevani, Sanjeevani Campaign

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