परमजीत कुमार/देवघर. हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है. लेकिन माघ मास की संकष्टी चतुर्थी का महत्व अलग है. इस दिन महिलाएं अपनी संतान की दीर्घायु की कामना के लिए भगवान गणेश की पूजा के लिए व्रत रखती हैं. इस दिन भगवान गणेश को मोदक के साथ तिलकुट का भी भोग लगाया जाता है. साथ ही इस दिन चंद्रोदय के साथ ही चंद्रमा को अर्घ्य भी प्रदान किया जाता है.
देवघर के पागल बाबा आश्रम स्थित मुगल ज्योतिष केंद्र के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने बताया कि 29 जनवरी को सकट चौथ का व्रत रखा जा रहा है. इस सकट चौथ में शोभन योग का निर्माण होने जा रहा है. सकट चौथ के दिन भगवान गणेश की पूजा आराधना की जाती है. साथ ही इस दिन महिलाएं अपने पति और संतान की दीर्घायु के लिए जल में दूध मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य प्रदान करती हैं. इससे भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. सकट चौथ को तिलकुट चौथ भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन गणेशजी को तिलकुट का भी भोग लगाया जाता है.
झारखंड में कब चंद्रोदय
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि सकट चौथ के दिन चंद्रमा को अर्घ्य प्रदान किया जाता है. झारखंड के देवघर की बात करें तो इस शहर में चंद्रोदय रात्री 8 बजकर 28 मिनट पर होगा. रांची में रात्री 08 बजकर 39 मिनट पर चंद्रोदय होगा. चंद्रमा को अर्घ्य देते समय जल में हल्का सा दूध मिला लें. यह उपाय करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और जातक की मनोकामना पूर्ण करते हैं.
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FIRST PUBLISHED : January 29, 2024, 17:24 IST