गुलशन कश्यप, जमुई: माघ माह के कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी मनाया जाता है. इसे सकट चौथ के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सभी प्रकार के संकट और अपयश का नाश होता है और जीवन की बाधाएं समाप्त हो जाती हैं. तो वहीं जिन लोगों को संतान सुख की प्राप्ति नहीं हुई है, उस दिन चंद्रमा को अर्घ देने और चंद्रमा का पूजन करने से उन्हें संतान सुख की प्राप्ति होती है. ज्योतिषाचार्य पंडित शत्रुघ्न झा बताते हैं कि इस दिन चंद्रमा की पूजा करने से धन और कर्ज संबंधी समस्याएं भी समाप्त होती हैं.
जानिए कब है संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस वर्ष संकष्टी चतुर्थी 29 जनवरी को मनाया जा रहा है. 29 जनवरी सुबह 6:10 से चतुर्थी की तिथि प्रारंभ हुई है और 30 जनवरी सुबह 8:55 पर इसका समापन हो जाएगा. 29 जनवरी को ही संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी इस दिन भगवान गणेश की पूजा अर्चना करनी चाहिए. लोगों को निर्जला निराहार व्रत रखना चाहिए और शाम की पूजा करने के बाद ही भोजन ग्रहण करना चाहिए.
उन्होंने बताया कि पूरे दिन उपासना करने के बाद शाम को जब चंद्रोदय हो जाए तब पहले चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए फिर भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए.
भगवान गणेश को चढ़ाए तिल और गुड़ के मोदक
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी को मोदक चढ़ायें. भगवान गणेश को गुड और तिल से बना हुआ मोदक चढ़ाएं. इस दिन भगवान गणेश जी की व्रत कथा भी सुने फिर उनकी पूजा के उपरांत चंद्रमा की पूजा करें और चंद्रमा को जल अर्पण करें.
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चंद्रमा को फूल और चंदन चढ़ाएं तथा पूजा की समाप्ति के बाद गरीबों में दान भी देना चाहिए ऐसा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है.
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FIRST PUBLISHED : January 29, 2024, 10:12 IST