Russia Nuclear Threat: अगर किसी देश पर परमाणु हमला होता तो लाखों लोगों की मौत हो सकती है. आंकड़ों में बताएं तो अगर रूस ने अपना 800 किलोटन का परमाणु बम अगर यूक्रेन की राजधानी कीव पर दागा तो उसके फटने के साथ ही कीव में 5 लाख 60 हजार 660 लोगों की मौत हो जाएगी और करीब 9 लाख 82 हजार 690 लोग परमाणु हमले में घायल हो जाएंगे. करीब 11 किलोमीटर के दायरे में इतना ज्यादा थर्मल रेडिएशन फैलेगा कि किसी इंसान या जानवर का बचना ही नामुमकिन होगा .
पुतिन ने फिर दी परमाणु युद्ध की धमकी
आप सोच रहे होंगे कि हम आपको परमाणु बम के हमले के बाद होने वाले नुकसान के बारे में क्यों बता रहे हैं और वो भी यूक्रेन की राजधानी कीव को लेकर. दरअसल रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने 15 दिन के अंदर दो बार परमाणु युद्ध की धमकी देकर दुनिया को दहशत में डाल दिया है. वैसे कुछ दिन पहले एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें दावा था कि साल 2022 में पुतिन ने यूक्रेन पर परमाणु हमले की योजना बनाई थी. तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुतिन को रोकने में बड़ी भूमिका निभाई थी. अब सवाल है कि क्या इस बार भी पीएम मोदी अपने दोस्त पुतिन को परमाणु युद्ध रोकने के लिए समझाएंगे?
इस बार अगर परमाणु बम चला तो तबाही नागासाकी और हिरोशिमा से कहीं ज्यादा होगी. क्या ऐसी ही तबाही फैलानी की तैयारी में हैं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि पुतिन ने रूस के एक टेलीविजन चैनल को दिए इंटरव्यू में परमाणु युद्ध की खुली धमकी दे दी है.
क्या आप परमाणु युद्ध के लिए तैयार हैं?
एक इंटरव्यू में रूसी पत्रकार ने पुतिन से पूछा, क्या आप परमाणु युद्ध के लिए तैयार हैं? इस पर व्लादिमीर पुतिन ने जवाब दिया, तकनीकी तौर पर हम बिल्कुल तैयार हैं. वो (परमाणु मिसाइलें) हमेशा युद्ध मैदान में तैयार हैं. पहली बात तो ये है, दूसरी बात ये सब लोग मानते हैं कि रूस की परमाणु क्षमता किसी भी देश से आधुनिक है. दुनिया में सिर्फ रूस और अमेरिका के पास परमाणु जल-थल और आकाश से परमाणु बम दागने की क्षमता है .
पुतिन ने ये धमकी किसे दी है? इसका इशारा उन्होंने अपने बयान में ही कर दिया. पुतिन ने न्यूक्लियर बम की धमकी अमेरिका को दी. रूस पिछले 2 साल से यूक्रेन से युद्ध लड़ रहा है. 2022 से चल रहे इस युद्ध में अमेरिका अपने सहयोगी यूक्रेन को सैन्य और आर्थिक मदद देता आ रहा है. अमेरिका के ही इशारे पर नेटो देश भी यूक्रेन को सैन्य मदद दे रहे हैं. विदेशी मदद के दम पर ही यूक्रेन अपने दुश्मन रूस का लंबे वक्त तक मुकाबला कर पा रहा है.
अमेरिका ने फिर पुतिन को उकसाया
पुतिन लगातार आरोप लगाते रहे हैं कि अमेरिकी सैनिक यूक्रेन में मौजूद हैं और रूस के खिलाफ युद्ध में शामिल हैं. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ये कहकर पुतिन को और भड़का रहे हैं कि अमेरिका इस जंग में यूक्रेन का साथ नहीं छोड़ने वाला और रूस के खिलाफ पीछे नहीं हटने वाला.
बाइडेन ने अमेरिका कांग्रेस में कहा, ‘मैं कांग्रेस से ये कहता हूं कि हमें पुतिन के खिलाफ खड़ा होना होगा. अगर अमेरिका पीछे हटेगा तो इससे यूक्रेन बहुत खतरे में पड़ जाएगा. यूरोप खतरे में पड़ जाएगा. दुनिया की आजादी पर खतरा होगा. इससे उन लोगों का हौसला बढ़ जाएगा जो हमें नुकसान पहुंचाना चाहते हैं. मेरा राष्ट्रपति पुतिन जिन्हें मैं लंबे समय से जानता हूं उनको सीधा संदेश है कि अमेरिका नहीं भागेगा. हम नहीं झुकेंगे. मैं नहीं झुकूंगा.’
रूस के पास सबसे ज्यादा परमाणु बम
हो सकता है कि जो बाइडेन के इसी उकसावे के बाद रूसी राष्ट्रपति ने परमाणु युद्ध की धमकी दी हो. पुतिन की धमकी एक तरह से नेटो देशों को रूस-यूक्रेन युद्ध में शामिल होने से रोकने की चेतावनी भी कहा जा सकती है. रूस के पास दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु हथियारों का जखीरा है.
रिपोर्ट के मुताबिक रूस के पास 5 हजार 580 परमाणु हथियार हैं. इनमें से 1200 परमाणु हथियार तकनीकी तौर पर रिटायर हो चुके हैं. अब रूस के पास 4380 परमाणु बम हैं, जिनका वो किसी भी वक्त इस्तेमाल कर सकता है. इनमें 1710 परमाणु बम अलग-अलग जगहों पर तैनात हैं. रूस ने 870 परमाणु बम को जमीन से मार करने वाली मिसाइलों में फीट कर रखा है. 640 को पनडुब्बी से लॉन्च होने वाली मिसाइलों में तैनात कर रखा है. जबकि 200 परमाणु बम खुफिया बेस पर तैनात हैं.
रूस की ये मिसाइल मचा सकती है तबाही
जल-थल और आसमान से रूसी सेना किसी भी देश में किसी भी वक्त परमाणु बम गिराने की क्षमता रखती हैं. रूस की कई मिसाइलें परमाणु बम ले जाने में पूरी तरह से सक्षम है. इनमें टोपोल मिसाइल, जिसकी रेंज 11 हजार किमी है. जबकि मॉस्को से अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी की दूरी है मात्र 7816 किलोमीटर. यानी टोपोल मिसाइल के जरिए अगर परमाणु बम दागा जाए..तो ये आसानी से वॉशिंगटन डीसी तक पहुंच जाएगा.
संयुक्त राष्ट्र की परमाणु नियामक संस्था..इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) को रूस से खतरे की आहट पहले ही मिल चुकी है. शायद इसीलिए पिछले दिनों IAEA के डायरेक्टर जनरल राफेल ग्रोसी ने रूस के राष्ट्रपति से मुलाकात की थी. अब IAEA ने धमकी को पुतिन की कोरी धमकी करार दिया है. राफेल ग्रोसी ने कहा, मैं निश्चित रूप से आशा करता हूं और मुझे नहीं लगता कि अगर हम यूक्रेन में युद्ध की बात कर रहे हैं, तो कम से कम फिलहाल हम परमाणु हथियारों के उपयोग के लायक स्थितियां नहीं देखते हैं.
पिछले साल परमाणु हमले की ड्रिल की थी
पिछले साल ही रूस परमाणु हथियारों के परीक्षण की संधि से बाहर हुआ था. जिसके बाद रूस की सेना ने परमाणु हमले का ड्रिल किया था. मतलब बीते 6 महीने से रूस परमाणु हमले की दिशा में एक-एक कदम आगे बढ़ रहा है. अब सवाल है कि क्या परमाणु युद्ध को लेकर पुतिन जो कह रहे हैं. क्या वो वाकई उसे पूरा करके दिखाएंगे.
पुतिन के परमाणु युद्ध के बयान के बाद रूस की ओर से सफाई आई है. रूस की ओर से कहा गया है कि परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का मतलब ये नहीं कि किसी को धमकी दी गई है.