Who Shot Down the Russian Military Transport Plane: रूस और यूक्रेन के बीच पिछले करीब 2 साल से चल रहे युद्ध में पहली बार इस बुधवार को रूस का विशालकाय मिलिट्री ट्रांसपोर्ट प्लेन IL-76 रूस के बेलगोरोड क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया है. रूस ने दावा किया कि घटना यूक्रेन के मिसाइल हमले से हुई, जिसमें अदला-बदली के लिए ले जाए जा रहे यूक्रेन के 65 युद्धबंदियों समेत प्लेन में सवार चालक दल के 6 सदस्यों और 3 रूसी कर्मी मारे गए. इतनी बड़ी घटना के बावजूद अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह रूसी सैन्य परिवहन विमान दुर्घटनाग्रस्त क्यों हुआ. क्या इसे वाकई किसी मिसाइल से मार गिराया गया या वह किसी भयावह तकनीकी विफलता का शिकार हो गया.
‘यूक्रेन के हमले में ध्वस्त हुआ रूसी मिलिट्री ट्रांसपोर्ट प्लेन’
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक रूसी रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इस सैन्य परिवहन वहन को विमान को यूक्रेन के खार्कीव क्षेत्र के लिपत्सी इलाके में तैनात यूक्रेन की विमान भेदी मिसाइल प्रणाली ने नष्ट किया. रूसी रडारों के जरिए उस साइट का पता लगा लिया गया है, जहां से वह मिसाइल दागी गई थी. मंत्रालय ने यह भी दावा किया यूक्रेनी नेतृत्व यह बात अच्छी तरह जानता था कि रूसी मिलिट्री ट्रांसपोर्ट प्लेन के जरिए यूक्रेनी युद्धबंदियों को बेलगोरोड हवाई क्षेत्र में ले जाया जाएगा, जहां यूक्रेन के साथ लगी सुमी की कोलोटिलोव्का मिलिट्री पोस्ट पर युद्धबंदियों का आदान-प्रदान होगा. इसके बावजूद उसने प्लेन पर मिसाइल अटैक कर दिया.
‘प्लेन में युद्धबंदी नहीं, मिसाइलें भरी थीं’
इस दावे के जवाब में यूक्रेन के मिलिट्री कमांडरों का कहना है कि वह बेलगोरोड की ओर आ रहे रूसी सैन्य विमानों को वैध टारगेट तो मानता है लेकिन उन्होंने यह कबूल नहीं किया कि उन्होंने ही रूसी परिवहन विमान पर मिसाइल दागी थी. यूक्रेन के डिफेंस एक्सपर्टों का कहना है कि यह दुर्घटना लिप्सी से करीब 50 मील से ज्यादा दूरी पर हुई, जो यूक्रेन के पास मौजूद मिसाइलों की क्षमता से बाहर है. वहीं कुछ यूक्रेनी सैन्य सूत्रों का दावा है कि उस रूसी विमान में कैदी नहीं बल्कि मिसाइलें आगे फॉरवर्ड पोजिशन पर सप्लाई की जा रही थीं.
65 युद्धबंदियों के लिए प्लेन में केवल 3 सुरक्षाकर्मी क्यों
इस मामले में हैरान करने वाली एक बात और निकलकर सामने आई है कि यूक्रेन के 65 युद्धबंदियों की सुरक्षा में प्लेन में केवल 3 रूसी सशस्त्र गार्ड साथ थे. जबकि एक पूर्व यूक्रेनी युद्धबंदी रहे मक्सिम कोलेनिकोव ने बुधवार को एक्स पर पोस्ट कर दावा किया कि बंधक रहने के दौरान जब उन्हें ब्रांस्क से बेलगोरोड तक विमान के जरिए ले जाया गया था तो 50 युद्धबंदियों पर नजर रखने के लिए प्लेन में करीब 20 सशस्त्र सैन्यकर्मी सवार थे. ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में युद्धबंदियों की सुरक्षा के लिए केवल 3 सुरक्षाकर्मी ही क्यों थे.
बिना एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम के क्यों उड़ रहा था प्लेन
यहां पर याद रखने वाली बात ये है कि रूस ने 18 महीने पहले भी आरोप लगाया था कि यूक्रेन ने डोनेट्स्क के एक युद्धबंदी शिविर पर हमला कर अपने ही युद्धबंदियों को मार डाला था, यह दावा फोरेंसिक जांच के बाद बेहद संदिग्ध लग रहा था. डिफेंस एक्सपर्टों को यह बात भी खटक रही है कि दोनों देशों के बीच चल रही भीषण जंग में रूस का विशालकाय सैन्य ट्रांसपोर्ट बिना एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम के क्यों उड़ रहा था, जिसे किसी भी मिसाइल या ड्रोन से अटैक करके ध्वस्त किया जा सकता था.
क्या सामने आ पाएगी प्लेन क्रैश की असल सच्चाई
फिलहाल सवाल कई हैं और जवाब कुछ नहीं. ऐसे में स्वतंत्र डिफेंस एक्सपर्टों की पुष्टि के इस बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है कि आईएल 76 विमान के गिरने की असल वजह क्या थी. क्या यह अटैक खुद रूस ने करवाया या फिर यूक्रेन ने ही रूस को झटका देने के लिए उसके बड़े मिलिट्री ट्रांसपोर्ट प्लेन को उड़ा दिया.