Russia News: रूस ने कहा है कि वह नाटो में शामिल होने के बाद स्वीडन की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखेगा. रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने बुधवार को कहा, ‘हम इस बात की निगरानी करेंगे कि स्वीडन नाटो में शामिल होकर क्या करेगा, इसके आधार पर हम आगे की तैयारी करेंगे.’
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, जखारोव ने कहा कि रूस की राष्ट्रीय सुरक्षा के सामने आने वाले हर खतरे को रोकने के लिए मास्को जरूरी कदम उठाएगा.
स्वीडन की संप्रभुता होगी कम
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि स्वीडन की अब तक की गुटनिरपेक्षता की नीति उत्तरी यूरोप में स्थिरता बनाए रखने में सहायक हुआ करती थी. उन्होंने कहा कि नाटो की सदस्यता लेने से स्वीडन की संप्रभुता कमजोर होगी.
नाटो में शामिल होने की आखिरी बाधा भी दूर
हंगरी की संसद ने नाटो में शामिल होने के स्वीडन की कोशिश के पक्ष में सोमवार (26 फरवरी) को मतदान किया. स्वीडन की सदस्यता को लेकर महीनों से चली आ रही खींचतान के बाद हुई इस वोटिंग में 188 मत पक्ष में पड़े जबकि छह मत इसके विपक्ष में गए.
नए देशों को एंट्री देने के लिए सभी नाटो सदस्यों के बीच सर्वसम्मति से समर्थन की जरूरी होती है. हंगरी इस गठबंधन के 31 सदस्यों में से आखिरी देश था जिसने स्वडीन को समर्थन दिया.
प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन की सरकार ने जुलाई 2022 में नाटो में स्वीडन के प्रवेश को मंजूरी देने के लिए प्रोटोकॉल प्रस्तुत किया था लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों के विरोध के कारण मामला संसद में रुक गया था. ओर्बन ने मतदान से पहले सांसदों को संबोधित करते हुए कहा, ‘स्वीडन और हंगरी का सैन्य सहयोग और स्वीडन का नाटो में शामिल होना हंगरी की सुरक्षा को मजबूत करता है.’