Russia: पार्टी से दूरी बनाकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे व्लादिमीर पुतिन, फिर भी जीत लगभग तय?

Vladimir Putin: रूस की सत्ता पर व्लादिमीर पुतिन का लंबे समय से एकछत्र राज है. आगे भी उनकी कुर्सी के आसपास कोई भटकता नजर नहीं आ रहा. रूस में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं, जिसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. गौर करने वाली बात यह है कि इस बार के चुनाव में व्लादिमीर पुतिन अपनी पार्टी से दूरी बनाकर निर्दलीय चुनाव लड़ने जा रहे हैं. यह भी लगभग तय है कि रूस की सत्ता पुतिन के ही हाथ में रहने वाली है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के समर्थकों ने शनिवार को उन्हें औपचारिक रूप से 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने के लिए निर्दलीय उम्मीदवार नामांकित किया. सरकारी समाचार एजेंसियों ने यह जानकारी दी. रूस के चुनाव कानून के अनुसार, पार्टी के टिकट पर चुनाव नहीं लड़ने वालों के पास कम से कम 500 समर्थकों के एक समूह द्वारा नामांकन अनिवार्य है. निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए अपने समर्थन में कम से कम 300,000 लोगों के हस्ताक्षर जुटाना भी जरूरी है.

पुतिन को नामांकित करने वाले समूह में सत्तारूढ़ यूनाइटेड रसिया पार्टी के शीर्ष अधिकारी, प्रमुख रूसी अभिनेता और गायक, एथलीट व अन्य हस्तियां शामिल हैं. रूसी समाचार एजेंसियों ने शनिवार (16 दिसंबर) को बताया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 2024 में एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में फिर से चुनाव लड़ेंगे. खेल और सांस्कृतिक जगत के 700 से अधिक राजनेताओं और हस्तियों के एक समूह ने मॉस्को में मुलाकात की और एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में व्लादिमीर पुतिन को सर्वसम्मति से समर्थन दिया.

पुतिन ने इस महीने की शुरुआत में घोषणा की थी कि वह अगले साल मार्च में रूसी राष्ट्रपति चुनाव में छह साल का और कार्यकाल तलाशेंगे. यूनाइटेड रशिया पार्टी के वरिष्ठ अधिकारी आंद्रेई तुरचक ने आरआईए समाचार एजेंसी को बताया कि पुतिन को एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में सेवारत राष्ट्रपति का दर्जा मिलने के बावजूद पार्टी का पूरा समर्थन प्राप्त है. रूस में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में, इसके पास 2022 तक राज्य ड्यूमा की 450 सीटों में से 325 सीटें हैं, जो 2007 से सदन में बहुमत में है.

पुतिन ने 1999 से राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के रूप में रूस का नेतृत्व किया है. 71 वर्षीय पुतिन ने 2008 में प्रधानमंत्री दिमित्री मेदवेदेव के साथ राष्ट्रपति पद की अदला-बदली की. जिसके बाद उन्होंने उन नियमों को बदल दिया जो लगातार राष्ट्रपति पद के जनादेश को सीमित करते थे. वह 2012 से राष्ट्रपति हैं और संभावित रूप से 2036 तक बने रह सकते हैं.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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