नई दिल्ली/नागपुर:
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने सरकार्यवाह का चुनाव करने के लिए 15 मार्च से 17 मार्च तक प्रतिनिधि सभा (RSS Pratinidhi Sabha) बुलाई है. हर 3 साल बाद RSS की प्रतिनिधि सभा में सरकार्यवाह का चुनाव होता है. RSS में संघ प्रमुख के बाद सरकार्यवाह का पद सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक इसके हेड क्वॉर्टर नागपुर में होगी. RSS के प्रतिनिधि सभा में 1570 शीर्ष पदाधिकारी मौजूद रहेंगे. इसमें BJP से जेपी नड्डा, बीएल संतोष के भी मौजूद रहने की संभावना है.
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RSS की प्रतिनिधि सभा में अन्य मुद्दों के अलावा संदेशखाली और किसानों के विरोध जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होने की संभावना है. RSS इन मामलों पर कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया सुनेगा और भविष्य की कार्रवाई तय करेगा.
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RSS में भी चुनावी साल
RSS की प्रतिनिधि सभा में सहकार्यवाह चुना जाएगा. इसे महासचिव भी कहा जाता है. वर्तमान में सहकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले हैं. इसकी प्रबल संभावना है कि उन्हें दोबारा से सरकार्यवाह का पद मिल सकता है, क्योंकि RSS अपने शीर्ष पदाधिकारियों को कई कार्यकाल देने के लिए जाना जाता है.
इन मुद्दों पर होगी चर्चा
बैठक में RSS दो-तीन प्रस्ताव भी पारित करेगा. साथ ही कुछ सामाजिक राजनीतिक मसलों पर चर्चा होगी. बैठक में सामाजिक समरसता या सामाजिक एकजुटता, जातिगत भेदभाव से लड़ना, भारतीय परिवार प्रणाली को मजबूत करना, बच्चों और युवाओं को भारतीय सभ्यता, पर्यावरण, स्वच्छता, नागरिक कर्तव्यों के बारे में शिक्षित करने पर चर्चा होगी. RSS प्रमुख मोहन भागवत नागरिक कर्तव्यों की बात करते रहे हैं. RSS की प्रतिनिधि सबा में स्वदेशी और आत्मनिर्भरता पर भी चर्चा होगी.
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अगले साल शुरू होगा 100 साल का जश्न
इस बैठक में साल भर चलने वाले समारोहों के सुझावों पर चर्चा होगी. RSS का लक्ष्य अगले साल तक देश के हर मंडल तक पहुंचने का है.
संघ के ट्रेनिंग मॉड्यूल में बदलाव
संघ के ट्रेनिंग मॉड्यूल में बदलाव किए गए हैं. अब एडवांस ट्रेनिंग के लिए संघ शिखा वर्ग या RSS के ट्रेनिंग कैंप को कार्यकर्ता विकास वर्ग कहा जाएगा. RSS के 20 दिवसीय शुरुआती मॉड्यूल को इस साल से 15 दिनों तक सीमित कर दिया जाएगा. संगठन कुछ ऐसे शारीरिक खेलों को भी ख़त्म कर रहा है, जिन्हें बदलते समय के साथ गैर-जरूरी समझा जा रहा है.
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