RSS के प्रभाव वाली सीट पर कांग्रेस को मिल रही है जीत! क्या नया जिला बनाने का कदम BJP के लिए करेगा काम?

Pandhurna Vidhan Sabha Seat Analysis: साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी महाकौशल पर फोकस कर रही है. छिंदवाड़ा जिले की बात करें तो पिछले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का यहां पर खाता नहीं खुला था और इस जिले की पांढुर्णा विधानसभा की बात करें तो ये महाराष्ट्र से सटी हुई है. यहां पर भी भाजपा को दो चुनावों से सफलता नहीं मिली है और 2023 के चुनाव के चलते पांढुर्णा को लेकर सीएम शिवराज ने सबसे बड़ी घोषणा की है तो चलिए इस विधानसभा सीट के सियासी आंकड़ों को समझते हैं…

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पिछले चुनाव के नतीजे
छिंदवाड़ा जिले की पांढुर्णा विधानसभा सीट पर पिछले तीन चुनावों में कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा है.  2008 के चुनावों में, भाजपा के रामराव कावदेती 38,572 वोटों के साथ विजयी हुए, उन्होंने कांग्रेस के डॉ. बाबूलाल खंडाते को हराया, जिन्हें 31,040 वोट मिले थे. हालांकि, 2013 के चुनावों में, कांग्रेस ने वापसी की और जतन उइके ने भाजपा के टीकाराम कोराची के खिलाफ 1,478 वोटों के मामूली अंतर से सीट हासिल की. वहीं, पिछले चुनाव में, कांग्रेस के नीलेश पुसाराम उइके 80,125 वोट हासिल करके एक शानदार जीत के साथ विधायक बने थे. उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी, भाजपा के टीकाराम कोराची को 35.00% वोट प्रतिशत के साथ 58,776 वोट मिले. नीलेश उइके की जीत का अंतर 21,349 वोटों से काफी रहा था. आपको बता दें कि अब मजिस्ट्रेट का पद छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए प्रकाश उइके को पांढुर्णा विधानसभा से आगामी विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया गया है.

 

आरएसएस का है प्रभाव
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,09,657 मतदाता हैं, जिनमें 1,07,117 पुरुष मतदाता और 1,02,540 महिला मतदाता हैं. महाराष्ट्र के नागपुर जिले के निकट स्थित, पांढुर्णा में महाराष्ट्रीयन संस्कृति दिखती है और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इस विधानसभा सीट पर अहम प्रभाव रखता है.

गौरतलब है कि पिछले दो चुनाव से यहां बीजेपी की हार हो रही है. इसी चलते सीएम शिवराज ने चुनावी साल में पांढुर्ना को जिले का दर्जा देने की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी की. पिछले महीने ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पांढुर्ना को राज्य का 55 वां जिला बनाने की घोषणा करके एक रणनीतिक कदम उठाया.

पांढुर्णा के विधायकों की सूची:
1967 – माधव लाल दुबे (कांग्रेस)
1972 – माधव लाल दुबे(कांग्रेस)
1977 – माधव लाल दुबे(कांग्रेस)
1980 – माधव लाल दुबे (कांग्रेस)
1985 – मारोतराव खवसे (निर्दलीय)
1990 – मारोतराव खवसे (BJP)
1993 – चन्द्र शेखर संबरतोड़ (कांग्रेस)
1998 – सुरेश ज़ालके (कांग्रेस)
2003 – मारोतराव खवसे (BJP)
2008 – रामराव कवदेती(BJP)
2013 – जतन उइके (कांग्रेस)
2018 – नीलेश उइके(कांग्रेस)

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