Rouge Waves: इन शरारती लहरों के सामने जो आया टिक ना सका, 1970 में लापता जहाजों के लिए जिम्मेदार

Pacific Ocean Rouge Waves: समंदर में अठखेलियां करती लहरें देखने में अच्छी लगती हैं. लेकिन जब किसी लहर पर सनक सवार हो जाए तो क्या कहेंगे. 2020 के नवंबर महीने में ब्रिटिश कोलंबिया के तट से 17.6 मीटर ऊंची लहर उठी. फरवरी 2022 में चार मंजिला दीवार की ऊंचाई वाली इसे शरारती लहर के तौर पर पुष्ट किया गया. सामान्य तौर पर ऐसा माना जाता है कि इस तरह की असाधारण घटना हर 1300 साल में केवल एक बार घटित होती है. शोधकर्ता कहते हैं कि अगर उस जगह पर बोया (इसके जरिए नावों को समंदर या नदी में खतरनाक जगह की जानकारी मिलती है, इसे समंदर या नदी के तल से बांधा जाता है.) नहीं होता तो शायद जानकारी नहीं मिल पाती.

पहले मिथक अब तथ्य

सदियों से इन शरारती लहरों को समुद्री लोककथाओं के अलावा और कुछ नहीं माना जाता था, लेकिन 1995 में तस्वीर बदली और मिथक तथ्य बन गया. नॉर्वे के तट से करीब 160 किलोमीटर दूर एक तेल-ड्रिलिंग प्लेटफॉर्म पर अचानक लगभग 26 मीटर ऊंची लहर टकरा गई. उस समय कथित ड्रौपनर लहर ने वैज्ञानिकों द्वारा बनाए गए सभी पिछले मॉडलों को खारिज कर दिया था. तब से, दर्जनों और दुष्ट लहरें दर्ज की गई हैं.जबकि उक्लूलेट वैंकूवर द्वीप के पास जो लहरें सामने आईं. वह सबसे ऊंची नहीं थी, लेकिन इसके चारों ओर की लहरों की तुलना में इसका आकार अभूतपूर्व था.

वैज्ञानिक दुष्ट लहर को उसके आसपास की लहरों की तुलना में दोगुने से अधिक ऊंचाई वाली किसी भी लहर के रूप में परिभाषित करते हैं. उहरण के लिए, द्रौपनर लहर 25.6 मीटर लंबी थी, जबकि उसके पड़ोसी केवल 12 मीटर ऊंचे थे. इसकी तुलना में यूक्लूलेट लहर अपने साथियों के आकार से लगभग तीन गुना बड़ी थीच 2022 में विक्टोरिया विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञानी जोहान्स जेमरिच ने बताया कि यूक्लूलेट लहर शायद अब तक दर्ज की गई सबसे चरम दुष्ट लहर है.

लापता जहाजों से कनेक्शन

इन दुष्ट या शरारती लहरों के निर्माण के बारे में शोधकर्ता पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि .ये कैसे बनती हैं ताकि बेहतर अनुमान लग सके कि वे कब उठेंगी.  जिस बोया ने यूक्लूलेट लहर को उठाया था, उसे गहराई में खतरों के बारे में अधिक जानने के प्रयास में मरीनलैब्स नामक एक शोध संस्थान द्वारा दर्जनों अन्य लोगों के साथ अपतटीय रखा गया था. उदाहरण के लिए  कुछ जहाज और नाव जो 1970 के दशक में लापता हो गए थे. अब माना जाता है कि वे अचानक आने वाली लहरों के कारण डूब गए हैं.  2020 के एक अध्ययन में भविष्यवाणी की गई है कि जलवायु परिवर्तन के साथ उत्तरी प्रशांत क्षेत्र में लहरों की ऊंचाई बढ़ने वाली है, जो बताता है कि यूक्लूलेट लहर तब तक अपना रिकॉर्ड नहीं बनाए रख सकती है जब तक कि हमारी वर्तमान भविष्यवाणियां सुझाती हैं. मरीनलैब्स के सीईओ स्कॉट बीटी कहते हैं कि हम दुनिया के समुद्र तटों के व्यापक माप के माध्यम से समुद्री संचालन और तटीय समुदायों के लिए सुरक्षा और निर्णय लेने में सुधार करने का लक्ष्य रख रहे हैं.

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *