बिहार के बाद, इंडिया गठबंधन को उत्तर प्रदेश में एक और झटका लग सकता है। जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल होने की संभावना है। सूत्रों ने बताया कि बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में आरएलडी को चार लोकसभा सीटें – कैराना, बागपत, मथुरा और अमरोहा – की पेशकश की है। वहीं, अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी, जो कि इंडिया गठबंधन का हिस्सा है, चाहती थी कि उसके उम्मीदवार मुजफ्फरनगर, कैराना और बिजनौर लोकसभा सीटों पर आरएलडी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ें। एक ऐसा कदम जिसने शायद जयंत चौधरी को परेशान कर दिया हो।
यही कारण है कि जयंत चौधरी को लेकर अटकलों का दौर जारी है। इन अटकलों पर लखनऊ में समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव ने कहा कि मैं जयंत (सिंह) को बहुत अच्छी तरह से जानता हूं। वे धर्मनिरपेक्ष लोग हैं। भाजपा सिर्फ मीडिया का इस्तेमाल कर गुमराह कर रही है। वे (रालोद) इंडिया गठबंधन में बने रहेंगे और भाजपा को हराएंगे। आपको बता दें कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कुछ सीटों पर आरएलडी का दबदबा है। 2022 के विधानसभा चुनाव में रालोद ने समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ साझेदारी की थी। उसने 33 सीटों पर चुनाव लड़ा और 9 पर जीत हासिल की। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी उन तीन सीटों में से एक भी नहीं जीत सकी, जिन पर उसने चुनाव लड़ा था।
80 लोकसभा सीटों वाले यूपी में सीट शेयर तय करने के लिए कांग्रेस और एसपी फिलहाल चर्चा में लगे हुए हैं। सपा ने पहले ही 16 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है और कांग्रेस को 11 सीटों की पेशकश की है, जो 25 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। 2019 के लोकसभा चुनावों में, कांग्रेस ने 1 सीट जीती थी, जबकि सपा, जो मायावती की बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन में थी, को पांच सीटें मिलीं। इस बार सपा 80 में से 65 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है।