Rice Wash reason: दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में लोग चावल खाना पसंद करते हैं. अगर बात एशिया और अफ्रीका की करें तो यह संख्या करोड़ों में है. आमतौर पर चावल पकाने से पहले लोग उसे धोते हैं लेकिन क्या चावल को बिना धोए पकाना चाहिए. अगर ऐसा नहीं करते हैं तो किस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. चावल से कई तरह के पकवान भी बनते हैं जैसे भारत में इडली, ग्रीस में डॉलमेड्स, इटली में रिस्टोस, स्पेन में पायला खास हैं. इस बारे में विशेषज्ञों और शेफ की क्या राय है उसे समझने की कोशिश करेंगे.
क्या कहते हैं शेफ
पाककला के विशेषज्ञों के मुताबिक जब आप चावल को धोते हैं तो उसमें स्टॉर्च की मात्रा में कमी आ जाती है. जिसे आप पानी में देख भी सकते हैं. पाककला के क्षेत्र में कुछ पकवानों को बनाने के समय चावल को धोना चाहिए लेकिन पायला, रिस्टोस के बनाने में चावल को पहले नहीं धोया जाता है. इसके अलावा चावल का धोना. चावल के प्रकार, परिवार की परंपरा, स्थानीय स्वास्थ्य के विषय पर भी निर्भर करते हैं. आमतौर पर यह मान्यता है कि अगर आप चावल को पहले धोकर पकाएं तो उसके चिपचिपा होने की संभावना कम हो जाती है. लेकिन क्या यह वैज्ञानिक तौर पर सही विचार है.
क्या है वैज्ञानिक नजरिया
एक हालिया अध्ययन में एक ही आपूर्तिकर्ता से तीन अलग-अलग प्रकार के चावल की चिपचिपाहट और कठोरता पर धोने के प्रभाव की तुलना की गई। चिपचिपा चावल, मध्यम अनाज चावल और चमेली चावल पर प्रयोग किया गया. इन अलग-अलग चावलों को या तो बिल्कुल नहीं धोया गया, तीन बार पानी से धोया गया, या दस बार पानी से धोया गया. शेफ आपको जो बताएंगे उसके विपरीत, इस अध्ययन से पता चला कि धोने की प्रक्रिया का चावल की चिपचिपाहट (या कठोरता) पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा. इसके बजाय, शोधकर्ताओं ने प्रदर्शित किया कि चिपचिपाहट सतही स्टार्च (एमाइलोज) के कारण नहीं थी, बल्कि एमाइलोपेक्टिन नामक एक अलग स्टार्च के कारण थी जो खाना पकाने की प्रक्रिया के दौरान चावल के दाने से निकल जाता है. चिपचिपाहट के लिए धोने की जगह उसका प्रकार महत्वपूर्ण है.