यह टैंक सभी तरह के इलाकों में प्रभावी ढंग से काम करता है। इसकी एक और खासियत है कि इसमें तीन लोग बैठ सकते हैं और 43 गोले स्टोर करने के भी इसमें क्षमता है। इस टैंक की ऑपरेशनल रेंज की बात करें तो वह 550 किलोमीटर की है।
देश में गणतंत्र दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर शानदार और भव्य परेड का आयोजन किया गया। इस दौरान भारतीय सेना ने भी अपनी ताकत दुनिया के सामने रखी और दुश्मनों के हौंसले पस्त किए। इस दौरान भारतीय सेना के भीष्म टैंक के तीसरी पीढ़ी के मुख्य युद्ध टैंक भी गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हुए। टैंक की खासियत है कि इसमें 125 मिलीमीटर स्मूथ बोर गन लगी हुई है।
टैंक चार तरह के गोला बारूद दागने में सक्षम है। T90 हंटर किलर कॉन्सेप्ट पर काम करने वाला यह टैंक 5 किलोमीटर तक की दूरी पर भी मिसाइल दाग सकता है। उसकी एक और खासियत है कि यह थर्मल इमेजिंग दृष्टि की मदद से दुश्मन को तबाह करने में रात के समय भी बेहद अहम भूमिका निभा सकता है।
इस टैंक में ERA पैनल लगा हुआ है जो इस टैंक को एक मजबूत कवच प्रदान करता है। यह टैंक 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल सकता है जिसका वजन 46 टन का है। यह टैंक सभी तरह के इलाकों में प्रभावी ढंग से काम करता है। इसकी एक और खासियत है कि इसमें तीन लोग बैठ सकते हैं और 43 गोले स्टोर करने के भी इसमें क्षमता है। इस टैंक की ऑपरेशनल रेंज की बात करें तो वह 550 किलोमीटर की है।
बता दें कि यह रूस का मुख्य योद्धा टैंक है जिससे भारत ने भी अपने बेड़े में शामिल किया है। भारतीय बेड़े में शामिल होने के बाद इसका नाम भीष्म रखा गया है। जानकारी के मुताबिक वर्तमान में 2078 टैंक सेवा में है। भविष्य में भारत 464 अधिक टैंक का ऑर्डर भी देने वाला है। भारत और रूस के बीच हुई दिल के अनुसार 2025 तक 1657 भीष्म को ड्यूटी पर तैनात किया जाएगा।
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