नई दिल्ली:
भारत से यूरोप में डीजल का शिपमेंट 2022 के बाद से इस महीने अब तक सबसे कम है, क्योंकि व्यापारी शिपिंग पर हूती के हमले (Houthis Attack) ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार (Global Trade) को प्रभावित किया है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, उच्च माल ढुलाई लागत के कारण यूरोपीय संघ और ब्रिटेन के लिए शिपमेंट में गिरावट आई है. लाल सागर (Red Sea crisis) में बढ़ते तनाव के चलते बढ़ी हुई माल ढुलाई लागत के साथ-साथ एशिया में अनियोजित रिफाइनरी रखरखाव के कारण यूरोपीय संघ और ब्रिटेन में प्रवाह में गिरावट आई. इसके कारण पश्चिम की बजाय पूर्व में माल भेजने के लिए ट्रेड इकोनॉमी बेहतर हो गया.
शिपिंग की उच्च लागत के कारण शिपमेंट में आई गिरावट
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फरवरी के पहले दो हफ्तों में भारत से यूरोप में ईंधन का शिपमेंट औसतन केवल 18,000 बैरल प्रति दिन था. ब्लूमबर्ग द्वारा जुटाए गए वोर्टेक्सा लिमिटेड के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी के औसत की तुलना में 90% से अधिक की गिरावट आई है. स्पार्टा कमोडिटीज के एनालिस्ट जेम्स नोएल-बेसविक के अनुसार, यह गिरावट आंशिक रूप से पिछले महीने पश्चिम में शिपिंग की उच्च लागत के कारण हुई. बता दें कि यूरोप के साथ भारत का लगभग 80 प्रतिशत व्यापार लाल सागर से होकर गुजरता है.
हूती हमले की धमकी के कारण ऑयल टैंकरों से बदला रास्ता
नोएल-बेसविक ने कहा, “पूर्व में एक्सपोर्ट इकोनॉमी सिंगापुर क्षेत्र – पश्चिम की तुलना में बहुत बेहतर था” यूरोप या अटलांटिक बेसिन की ओर जाने वाले टैंकरों को हूती के हमले की धमकी के कारण दक्षिण अफ्रीका के केप ऑफ गुड होप के आसपास से होकर जाना पड़ रहा है. जिससे उन्हें अत्यधिक उच्च युद्ध जोखिम बीमा के साथ यात्रा की लंबाई और लागत में वृद्धि करने या स्वेज नहर का उपयोग करने के लिए मजबूर किया जा रहा है”
भारत से यूरोपीय क्षेत्र में डीजल के निर्यात में वृद्धि की उम्मीद
आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी के पहले दो हफ्तों में यूरोपीय संघ में डीजल जैसे ईंधन का कोई आयात नहीं हुआ और ब्रिटेन में केवल एक शिपमेंट हुआ. हालाँकि, पोर्ट रिपोर्ट और ब्लूमबर्ग द्वारा संकलित टैंकर-ट्रैकिंग डेटा के अनुसार, मार्लिन सिसिली और मार्लिन ला प्लाटा ने हाल ही में भारत में बैरल लोड किया है. नोएल-बेसविक ने कहा कि आने वाले हफ्तों में भारत से यूरोपीय क्षेत्र में डीजल के निर्यात में वृद्धि होना चाहिए.