Red Sea: हूती विद्रोहियों के हमले का बाद लाल सागर में डूबा जहाज, समुद्री जीवों पर मंडराया ये खतरा

Red Sea: इजरायल और हमास के बीच पिछले साल अक्टूबर में शुरू हुए युद्ध के बाद लाल सागत से गुजरने वाले व्यावसायिक जहाजों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है. इन जहाजों पर यमन के हूती विद्रोही लगातार हमला कर रहे है. जानकारी के मुताबिक, हूती विद्रोहियों ने अब तक ऐसे ही करीब दो दर्जन जहाजों को अपना निशाना बनाया है. हाल ही में हूती विद्रोहियों ने एक व्यावसायिक जहाज पर हमला किया था. इसके बाद इस जहाज में आग लग गई थी.

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हमले के बाद चालक दल के सदस्यों ने जहाज को छोड़कर अपनी जान बचाई. अब बताया जा रहा है कि ये जहाज समंदर में डूब गया है. ये पहला बार है जब हमले के बाद कोई व्यावसायिक जहाज पानी में डूबा हो. जहाज के डूबने से समुद्री जीवों पर भी खतरा मंडराने लगा है. क्योंकि इस जहाज पर खतरनाक कैमिकल लदे हुए थे.

रूबीमार नाम के जहाज पर हुआ था हमला

बता दें कि लाल सागर में जिस जहाज पर हमला किया गया था उसका नाम रूबीमार था. जो अब लाल सागर में पूरी तरह से डूब गया है. यमन सरकार के मुताबिक, हमले के बाद रूबीमार लाल सागर में बह रहा था. इसके बाद इसमें धीरे-धीरे पानी भरने लगा और अब ये डूब गया. बताया जा रहा है कि विद्रोहियों के हमले से पूरी तरह से नष्ट होने वाला ये पहला जहाज है.

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जहाज के सामने वाले भाग पर किया था हमला

लेबनान में जीएमजेड शिप मैनेजमेंट कंपनी के एक अधिकारी के मुताबिक, हूती विद्रोहियों ने जहाज के इंजन रूम और सामने वाले हिस्से पर हमला किया था. जिससे जहाज को बड़ा नुकसान पहुंचा था. जहाज पर सवार क्रू मेंबर्स को घायल होने की कोई जानकारी नहीं मिली थी. जिन्हें बाद में जिबूरी ले जाया गया था. अमेरिकी सेंट्रल कमांड के मुताबिक, हूती विद्रोहियों ने 18 फरवरी को जहाज पर दो एंटी शिप बैलिस्टिक मिसाइलें दागी.

जिससे बेलीज के झंडे वाला रूबिमार जहाज क्षतिग्रस्त हो गया था. इसके बाद जहाज के चालक दल ने तुरंत एक इमरजेंसी कॉल की. इसके बाद एक युद्धपोत और एक अन्य व्यापारी जहाज को मदद के लिए भेजा लगा. जिन्होंने चालक दल के सदस्यों को बाहर निकाला और बंदरगाह पर ले गए.

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जहाज के डूबने से पैदा हुई पर्यावरणीय आपदा

बताया जा रहा है कि इस जहाज पर अमोनियम नाइट्रेट उर्वरक का माल लदा हुआ था. यमन के प्रधानमंत्री अहमद अवद बिन मुबारक ने जहाज के डूबने को एक अभूतपूर्व पर्यावरणीय आपदा बताया. वहीं, जॉर्डन विश्वविद्यालय में समुद्री विज्ञान विभाग ने कहा कि लाल सागर में बड़ी मात्रा में उर्वरक का बहना समुद्री जीवन के लिए खतरा हो सकता है. 

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