Ravi Shastri कर रहे थे जमकर भाजपा की तारीफ, NCP के Clyde Crasto ने मणिपुर हिंसा पर पूछ लिया ऐसा सवाल, चारों तरफ होने लगी चर्चा

मणिपुर 3 मई से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय झड़पों से भड़का हुआ है। झड़पों में कम से कम 182 लोग मारे गए हैं और लगभग 50,000 बेघर हो गए हैं। ऐसे में मणिपुर में दोनों समुदाय के लोख खौम में जिंदगी जी रहे हैं। हर वक्त किसी गोली का शिकार होने का डल वहा के लोग मेहसूस करते रहते हैं। मणिपुर एक बेहद ही बुरे दौर से गुजर रहा हैं। इस मुद्दे को पर ज्यादा बात नहीं होती है न मीडिया में इस पर वहस। ऐसे में जब भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने भाजपा को उननकी प्रचंड जीत के लिए बधाई दे रहे थे तभी एनसीपी के क्लाइड क्रैस्टो ने उनसे ‘मणिपुर में जान लेने वाली गोलियों पर कुछ कहने’ का आग्रह किया।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने सोमवार को भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच रवि शास्त्री से जातीय संघर्षग्रस्त मणिपुर की स्थिति पर बोलने के लिए कहा, जिसके तुरंत बाद उन्होंने तीन राज्यों में भाजपा की चुनावी सफलता के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की।

शास्त्री ने एक्स पर ट्वीट किया था ‘एक टीम खेल रही है। जबरदस्त प्रदर्शन। जवाब में, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने एक्स पर लिखा: ‘मिस्टर रवि शास्त्री, आप हमेशा कहते हैं, ‘लाइक ए ट्रेसर बुलेट…’ तो फिर, कृपया उन गोलियों के बारे में कुछ कहें जिन्होंने कई निर्दोष लोगों की जान ले ली है। मणिपुर में लोग रह रहे हैं और इनके हालातों पर बोलिए।

क्रैस्टो की टिप्पणी शास्त्री द्वारा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा की चुनावी जीत के लिए मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की प्रशंसा करने के बाद आई है। उन्होंने यह भी कहा कि शास्त्री को उन महिला पहलवानों की लड़ाई और संघर्ष पर अपने विचार साझा करने चाहिए जो सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोकसभा सदस्य बृजभूषण सिंह शरण के खिलाफ न्याय की मांग कर रहे हैं। बृजभूषण पर कई महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप लग चुका है।

आपको बता दें कि मणिपुर के टेंग्नौपाल जिले में सोमवार दोपहर हुई ताजा हिंसा में कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई है। सुरक्षा बलों के अधिकारियों ने कहा कि दोपहर के करीब, टेंग्नौपाल जिले के साइबोल के पास लीथू गांव में आतंकवादियों के दो समूहों के बीच गोलीबारी की सूचना मिली थी। मामले से अवगत एक अधिकारी ने कहा “निकटतम सुरक्षा बल इस जगह से लगभग 10 किमी दूर थे। एक बार जब हमारी सेनाएं आगे बढ़ीं और उस स्थान पर पहुंचीं, तो उन्हें लीथू गांव में 13 शव मिले। बलों को शवों के पास कोई हथियार नहीं मिला।

अधिकारी ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि मृतक लीथु क्षेत्र से नहीं हैं और हो सकता है कि वे किसी अन्य स्थान से आए हों जिसके बाद वे एक अलग समूह के साथ गोलीबारी में शामिल हो गए। न तो पुलिस और न ही सुरक्षा बलों ने मृत लोगों की पहचान की पुष्टि की। पुलिस मौके पर पहुंच गई है। वे मामले की जांच करेंगे।

मणिपुर 3 मई से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय झड़पों से भड़का हुआ है। झड़पों में कम से कम 182 लोग मारे गए और लगभग 50000 बेघर हो गए। रविवार को ही अधिकारियों ने सात महीने के बाद हिंसा प्रभावित राज्य में कुछ जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों को छोड़कर मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध हटा दिया था। उपरोक्त जिलों के क्षेत्रों में या तो मेइतेई या कुकी का प्रभुत्व है और पिछले सात महीनों में अधिकांश हिंसा, गोलीबारी, आगजनी और अपहरण हुए हैं। केंद्र और मणिपुर सरकार द्वारा राज्य के सबसे पुराने उग्रवादी संगठन यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फोर्स (यूएनएलएफ) के साथ नई दिल्ली में शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के चार दिन बाद निलंबन हटाया गया।

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