Ramayan: आवाज के जादू से जामवंत के किरदार को किया साकार, अब प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण का इंतजार

Ramayana artist Jamwant waiting for invitation for Ram temple inauguration

Rajshekhar Upadhyay
– फोटो : twitter

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जामवंत कह सुनु रघुराया। जा पर नाथ करहु तुम्ह दाया॥ ताहि सदा सुभ कुसल निरंतर। सुर नर मुनि प्रसन्न ता ऊपर॥… श्रीरामचरितमानस की यह पंक्तियां सुनाते हुए रामानंद सागर के मशहूर सीरियल रामायण में जामवंत की भूमिका निभाने वाले राजशेखर उपाध्याय थोड़े भावुक हो जाते हैं। वे कहते हैं प्रभु श्रीराम की कृपा ही थी कि भदोही जैसे छोटे से जिले से निकलकर वे राष्ट्रीय फलक पर छा पाए। 

अमर उजाला से खास बातचीत में राजशेखर उपाध्याय ने बताया कि जब वह मुंबई जैसे महानगर में पहुंचे तो कई छोटे-छोटे रोल और काम कर आजीविका चलाई, लेकिन श्रीराम की कृपा से उनकी मुलाकात पापा जी (रामायण सीरियल में काम करने वाले हर कलाकार रामानंद सागर को पापा जी ही बुलाते थे) से हुई। उनकी कद काठी और सुडौल शरीर को देखकर उन्होंने मुझे जामवंत की भूमिका निभाने का ऑफर दिया। 

बताया कि रामायण सीरियल में उन्होंने जामवंत के अलावा श्रीधर, मकराच्छ, अग्निदेव और आर्य सुमागध जैसे छोटे-छोटे रोल भी निभाए थे। बताया कि यह प्रभु श्रीराम की कृपा दृष्टि ही रही कि जिस भूमिका को मैंने मुखौटे के पीछे रहकर निभाया। वह अमर हो गया। आज भी जामवंत की आवाज और संवाद के कारण लोग मुझे पहचानते हैं। 

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