चंडीगढ़. हरियाणा के डेरा सच्चा सौदा के मुखी गुरमीत राम रहीम के पैरोल अवधि दस दिन और बढ़ गई है. हरियाणा सरकार ने प्रदेश के कैदियों को राहत दी है. ऐसे में अब बाबा राम रहीम दो महीने तक जेल से बाहर रहेगा. उसे हाल ही में सरकार की तरफ से 50 दिन की पैरोल दी गई थी. ऐसे में अब कुल 60 दिन की पैरोल गुरमीत सिंह को मिली है. फिलहाल, बाबा राम रहीम यूपी के बागपत में आश्रम में रह रहा है.
जानकारी के अनुसार, इससे पहले, 19 जनवरी को हरियाणा सरकार ने राम रहीम को पेरोल दी थी. रामरहीम को सजा के दौरान नौवीं बार पैरोल मिली है. इससे पहले, नवंबर महीने में भी राम रहीम जेल से बाहर रहा था और दिसंबर में रोहतक की सुनारिया जेल लौटा था.
हरियाणा सरकार के सरकारी प्रवक्ता ने कि जिन अपराधियों को आजीवन कारावास, 10 वर्ष या इससे अधिक की अवधि की सजा सुनाई गई है, उन्हें 60 दिन और जिन अपराधियों को पांच वर्ष, पांच वर्ष से ऊपर व 10 वर्ष से कम की सजा सुनाई गई है, उन्हें 45 दिन की छूट प्रदान की जाएगी. इसी प्रकार, जिन अपराधियों को पांच वर्ष से कम की सजा सुनाई गई है, उन्हें 30 दिन की छूट प्रदान की जाएगी. 26 जनवरी, 2024 को कारागार से पैरोल और फरलो पर आए सभी अपराधियों को भी यह छूट भी दी जाएगी, बशर्ते वे अपने निर्धारित समय पर सम्बन्धित कारागार में आत्म समर्पण करते हैं तो उस स्थिति में कारावास के बचे हुए समय में यह छूट दी जाएगी.
किसे नहीं मिलेगी छूट
उन्होंने आगे बताया कि जिन अपराधियों पर जुर्माना भुगतान न करने पर सजा हुई है, उन्हें यह छूट नहीं दी जाएगी, उन्होंने कहा कि जिन अपराधियों को हरियाणा में आपराधिक न्याय क्षेत्र के न्यायालयों द्वारा दोषी ठहराया गया है, लेकिन हरियाणा के बाहर जेलों में अपनी सजा काट रहे हैं, वे भी उपरोक्त पैमाने के अनुसार यह छूट प्राप्त करने के हकदार होंगे. उन्होंने बताया कि जो अपराधी जमानत पर हैं, उन्हें यह छूट नहीं दी जाएगी.
प्रवक्ता ने बताया कि 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों की हत्या तथा अपहरण, बलात्कार के साथ हत्या, डकैती और लूटपाट, एसिड अटैक , टैरोरिस्ट एण्ड डिसरैप्टिव एक्टिविटीज (प्रीवेंशन) अधिनियम-1987, कार्यालय गोपनीय अधिनियम-1923, विदेशी अधिनियम-1948, पासपोर्ट अधिनियम-1967, आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम-1961 की धारा 2 और 3, भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 121 से 130, फिरोती के लिए किडनैपिंग, पोकसो अधिनियम 2012 के तहत कोई अपराध, एनडीपीएस एक्ट के अन्तर्गत धारा 32ए के तहत सजा काट रहे अपराधियों को छूट नहीं दी जाएगी.

प्रवक्ता ने आगे जानकारी दी कि किसी भी वर्ग के बंदी ,पाकिस्तान नेशनल, अपराध दण्ड सहिंता 1973 की धारा 107/109/110 की धाराओं के साथ-साथ शांति बनाए रखने के मामले में सुरक्षा देने में असफल होने वाले अपराधिक व्यक्ति, पिछले दो वर्षों के दौरान किसी भी बड़े जेल अपराध में संलिप्त अपराधियों के मामले में सजा काट रहे अपराधियों को पंजाब जेल मैनुअल, हरियाणा जेल नियम-2022 या उस दिन लागू किसी अन्य अधिनियम या नियमों के तहत कोई छूट नहीं मिलेगी.
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FIRST PUBLISHED : January 26, 2024, 09:28 IST