Patna:
Ayodhya Ram Mandir: एक तरफ बिहार की सियासत दिन-ब-दिन गर्म होती नजर आ रही है तो वहीं दूसरी तरफ अयोध्या के श्रीराम मंदिर को लेकर सियासी घमासान जारी है. बता दें कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा है, इसके चलते देशभर से राम लला की भक्ति में लीन श्रद्धालु जुटने वाले हैं. वहीं प्राण प्रतिष्ठा के दिन अयोध्या पहुंचने के लिए लोगों को निमंत्रण भी भेजा जाने लगा है. इन सबके बीच उस निमंत्रण को लेकर राजनीति भी चल रही है जिस पर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने सवाल उठाए हैं. बता दें कि रविवार (07 जनवरी) को सुशील कुमार मोदी ने कहा कि, ”राम तो सबके हैं. इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.”
आगे उन्होंने कहा कि, ”अयोध्या के नवनिर्मित श्रीराम मंदिर में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के बाद दर्शन-पूजन के लिए जब सभी श्रद्धालुओं को स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आमंत्रित किया है, तब किसी को अलग से आमंत्रण की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए. नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यदि सभी आस्थाओं का सम्मान करते हैं, कभी चादरपोशी करते हैं और कभी गुरुद्वारा में मत्था टेकते जाते हैं, तो उन्हें अयोध्या धाम की यात्रा करने में क्या संकोच होना चाहिए?” अब सुशील कुमार मोदी के इस बयान से बिहार की सियासत और तेज हो गई है.
‘इंडिया गठबंधन का दूरी बनाना दुर्भाग्यपूर्ण’- बीजेपी नेता
इसके साथ ही बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने आगे कहा कि, ”लालू परिवार के लोग जिस सहजता से मथुरा, वृंदावन और तिरुपति बालाजी के मंदिर जाते हैं, उसी तरह उन्हें अयोध्या धाम भी जाना चाहिए.” साथ ही उन्होंने कहा कि, ”श्रीराम तो सबके हैं. शबरी, केवट, वाल्मीकि के राम से आरजेडी-जेडीयू और इंडिया गठबंधन के लोगों का दूरी बनाना उनके लिए दुर्भाग्यपूर्ण है.”
सुशील मोदी- ‘देश के हर व्यक्ति को दर्शन-पूजन के लिए जाना चाहिए अयोध्या’
आपको बता दें कि सुशील मोदी ने अपने बयान में आगे कहा कि, ”श्रीराम का गुरुकुल (बक्सर) और ससुराल (मिथिलांचल) होने से बिहार और अयोध्या के बीच जो पौराणिक संबंध है, उसे राजनीति नहीं तोड़ सकती. हम अयोध्या के उत्सव में स्वयं को सदैव सम्मिलित अनुभव करते रहेंगे. 500 साल के इस संघर्ष के बाद जब सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का पालन करते हुए अयोध्या में राम जन्मभूमि स्थल पर श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है, तब सनातन धर्म में आस्था रखने वाले हर व्यक्ति को दर्शन-पूजन के लिए वहां जाना चाहिए.”
आपको बता दें कि इससे पहले बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने भी सलाह देते हुए कहा था कि, ”अयोध्या जाकर लालू प्रसाद यादव और सीएम नीतीश कुमार को दर्शन करना चाहिए.” वहीं सुशील कुमार मोदी ने भी विपक्ष को घेरते हुए बड़ी बात कही है. अब इन बयानों के बीच सवाल ये है कि क्या लालू-नीतीश अयोध्या जाएंगे?