र्वे में मुस्लिमों से सवाल किया गया कि क्या वो अयोध्या में राम लला का मंदिर बनने से खुश हैं। 74 प्रतिशत मुसलमानों ने कहा कि वो मंदिर निर्माण से खुश हैं। अगला सवाल था कि क्या मुसलमान मोदी सरकार पर भरोसा करता है।
असदुद्दीन ओवैसी को राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के एक सर्वे से थोड़ा झटका लगेगा पिछले कुछ दिनों से जैसे-जैसे अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी करीब आ रही है असदुद्दीन ओवैसी का क्रोध बढ़ता जा रहा है। वो लगातार बयान दे रहे हैं कि मस्जिदों को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। हम एक मस्जिद खो चुके हैं और हमें और मस्जिदों को बचाना है। ओवैसी अपने तेज-तर्रार भाषणों से मुस्लिम समाज में आक्रोश रूपी जोश का संचार कर रहे हैं। लेकिन ऐसे आंकड़े भी आ रहे हैं जो बताते हैं कि मुस्लिमों के मन पर उनका ज्यादा असर नहीं हो रहा है। आरएसएस के इंद्रेश कुमार की अगुवाई वाले राष्ट्रीय मुस्लिम मंच ने एक सर्वे किया है जिसमें पता चला है कि ज्यादातर मुस्लिम अयोध्या में राम मंदिर बनने से खुश हैं।
क्या कहता है मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का सर्वे
इस सर्वे में मुस्लिमों से सवाल किया गया कि क्या वो अयोध्या में राम लला का मंदिर बनने से खुश हैं। 74 प्रतिशत मुसलमानों ने कहा कि वो मंदिर निर्माण से खुश हैं। अगला सवाल था कि क्या मुसलमान मोदी सरकार पर भरोसा करता है। 70 प्रतिशत मुसलमानों ने कहा कि वो मोदी सरकार पर भरोसा करते हैं। एक सवाल ये भी था कि क्या विपक्ष के पास मुद्दा नहीं है। 72 फीसदी मुसलमानों ने इस पर सहमति दी और ये माना की हां विपक्ष मुद्दाविहीन है। एक और सवाल ये था कि क्या भारत विश्व शक्ति बनकर उभरा है। 70 फीसदी मुसलमानों को लगता है कि भारत विश्व शक्ति बनकर उभरा है। इस सर्वे के आधार पर कई लोग कह रहे हैं कि मुस्लिमों की दो तिहाई आबादी मोदी सरकार से खुश है। ये सर्वे राष्ट्रीय मुस्लिम मंच का है जिसका संचालन आरएसएस के इंद्रेश कुमार करते हैं।
ओवैसी की मुस्लिमों से अपील
एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिम समुदाय के लोगों से मस्जिदों की रक्षा करने की अपील की है। ओवैसी ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कुदरत हमसे कह रही है कि तुम अपनी गलती की वजह से एक मस्जिद खो चुके हो। सत्ता में बैठे लोग हमारी मस्जिदों को ललचायी नजरों से देख रहे हैं। इसलिए मस्जिदों को आबाद रखो और मस्जिदों की हिफाजत करो। ओवैसी ने आगे कहा कि वे जानते हैं कि मुसलमानों को मस्जिद से दूर कर दोगे तो वे निहत्थे हो जाएंगे। मदरसे इस्लाम के किले हैं। इसलिए ये बेहद जरूरी है कि मदरसे और मस्जिदों को आबाद रखा जाए।
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