Ram Mandir: दिवंगत हुए कार सेवकों के लिए मुंबई से निकली पदयात्रा

विकाश कुमार/ चित्रकूट: 22 जनवरी को भगवान श्री राम का भव्य प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम अयोध्या में आयोजित होने वाला है. जिसको लेकर पूरे देश में राम भक्त उत्साहित नजर आ रहे है. हर कोई अपने तरीके से इस भव्य कार्यक्रम में हिस्सा लेना चाहता है. आज हम मुंबई से चित्रकूट पहुंची एक ऐसे राम भक्तों की टोली के बारे बताने जा रहे है जो सन् 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचे के ढहाए जाने में जो कार सेवक दिवंगत हुए थे उनको श्रद्धांजलि देने व उनके सम्मान में राम भक्तों की यह टोली मुंबई से भगवान श्रीराम की पालिका लेकर पैदल यात्रा अयोध्या के लिए निकली है.

बता दें कि 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में जब विवादित ढांचा गिराया गया था तो उस विवाद में कई कार सेवक दिवंगत हो गए थे. कई कार सेवकों की सहादत और बलिदान के बाद आज जब भगवान श्रीराम लला का भव्य राम मंदिर बन रहा है. जिसका 22 जनवरी को उद्धघाटन होने वाला है. ऐसे में मुंबई की राम सेना फाउंडेशन की राम भक्तों की एक टोली भगवान श्रीराम की पालिका लेकर राम गमन पथ पर पैदल यात्रा करते हुए अयोध्या जा रहे हैं. राम भक्तों की यह टोली चित्रकूट पहुंची. जहां कामतानाथ मंदिर में दर्शन पूजन के बाद कामदगिरि की परिक्रमा लगाई.

टोली ने अब तक 1400 किलोमीटर की पैदल यात्रा की तय
राम भक्तों की यह टोली मुम्बई के मीराबहेंद्र से बीते 10 नवंबर को राम सेना फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज यादव के नेतृत्व में यह पैदल यात्रा निकली थी. जो राम गमन पथ पर चलते हुए 37 दिनों में 1400 किलोमीटर की दूरी तय कर चित्रकूट पहुंचे है. यह राम भक्तों की टोली भगवा कलर के कपड़े पहनकर और हाथो में ढोलक मंजीरा लेकर भगवान श्रीराम के भजनों को गाते हुए उनकी भक्ति में लीन होकर जय श्रीराम के नारे लगाते हुए अयोध्या के लिए निकल चुके हैं. जिन्हें देखकर लोगों में राम भक्ति का एक सुखद ऐसा महसूस कर रहे हैं.

कार सेवकों के सम्मान में निकली है यात्रा
इस टोली में आए योगेश सहित अन्य राम भक्तो का कहना है कि राम मंदिर के निर्माण में सबसे बड़ा योगदान कार सेवकों का है. 1992 में जो कार सेवक आहूत हुए थे. उनके सम्मान में यह यात्रा निकाली जा रही है. इसका उद्देश्य है भगवान श्रीराम की महिमा को जन जन तक पहचाना और नई पीढ़ी के लिए कार सेवकों के आहूति के बारे में जानते ही नही है. इसलिए कार सेवकों के दिये गए बलिदान को जन जन तक पहुंचाने के लिए यह यात्रा निकाली गई है और वह उसी रास्ते से अयोध्या पहुंच रहे हैं. जहां-जहां भगवान श्रीराम गए थे. उन्ही रास्ते से होकर सभी तीर्थो के दर्शन कर अयोध्या पहुंच रहे है.

जब तक रहेंगे तब तक राम के बने रहेंगे
यात्रा में शामिल एक संत का कहना है कि हमारा लक्ष्य एक ही है. हिंदू राष्ट्र भारत को बनाने में जितना हमारे से योगदान होता है. उतना हम योगदान कर सकें. हमारा लक्ष्य एक ही है जब तक रहेंगे तब तक राम के बने रहेंगे. हिन्दू का बच्चा एक-एक पग पर राम-राम कहेगा. एक ऐसा समय आएगा सीता-राम जी की कृपा से राम मय पूरा भारत अखंड विश्व गुरु के पथ पर चलने के लिए अग्रणीय हो चुका है. माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा ऐसे सभी बड़े चेहरों को मैं कोटि-कोटि धन्यवाद प्रणाम करता हूं.

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