Ram Mandir: डिजिटल भुगतान राम मंदिर के निर्माण से लेकर हर क्षेत्र में निभा रहा है ‘नल और नील’ की भूमिका

Ram Mandir: Digital payment is playing important role in every field right from the construction of Ram Temple

Ram Mandir
– फोटो : Agency (File Photo)

विस्तार


वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें



अयोध्या से लौटकर, 23 दिसंबर। ‘9 रुपये खुले नहीं हैं। क्यूआर कोड दीजिए, पे कर देता हूं।’ सरयू नदी के किनारे फूल माला, दीया, धूप, बत्ती बेच रहे रामधन यादव ने इतना कहकर अपने मोबाइल का स्कैनर भुगतान के लिए तैयार कर लिया। निगाह गई तो उनके छाते पर क्यूआर कोड चस्पा मिला। सरयू नदी के किनारे ही शिवलिंग स्थापित था। पत्थर पर क्यूआर कोड चिपका था। पूछने पर पता चला कि एक पुजारी के खाते में इसका चढ़ावा जाता है। रामधन ने ही बताया कि कई श्रद्धालु ऐसे आते हैं, जिनके पासे खुले पैसे नहीं होते तो ऑनलाइन चढ़ावा या दक्षिणा दे देते हैं। सच में यह डिजिटल इंडिया है। धीरे-धीरे और अब तो तेजी से लेन-देन का भारत बदल रहा है।

वहां से बढ़े तो श्रीकनक भवन मंदिर आए। क्यू आर कोड चस्पा मिला। संदेश भी, सेवा की राशि देने के लिए क्यूआर कोड स्कैन करें। दसवीं सदी के बने हनुमान गढ़ी मंदिर परिसर में एक संन्यासी पुजारी ने बताया कि इससे तमाम झंझट अब खत्म हो गए हैं। मंदिर में ताला वाला दान पात्र लगाने की जरूरत ही नहीं पड़ती। अयोध्या में यह खूब चलता है। मंदिर से नीचे उतरिए और बाजार में आइए लड्डू, फूल, माला, प्रसाद और अन्य की खरीददारी के लिए अब आपको जेब में कैश रखने की जरूरत नहीं। अयोध्या शहर में घूमने के दौरान डिजिटल इंडिया, यूपीआई पेमेंट और क्यूआर कोड स्कैन का गजब का प्रयोग दिखाई दिया। हनुमान गढ़ी के एक साधु ने फोन पर बताया कि अब बाहर से भी लोग अपनी श्रद्धा के अनुसार आसानी से दान कर देते हैं। राम लला मार्ग पर दही में जलेबी को मिलाकर कुल्हड़ में बेचते मौर्या जी बड़ी आसानी से कह देते हैं कि आप जैसे चाहें पेमेंट कर दें। समोसे की चाट और दही जलेबी बेचने वाले मौर्या जी कहते हैं कि यूपीआई पेमेंट में गिनने की जरूरत नहीं पड़ती। समय बचता है। बाकी सब ठीक है। शायद कुछ यही वजहें हैं, जिसने देश में यूपीआई पेमेंट के जरिए होने वाले भुगतान के आंकड़े को 8.5 हजार करोड़ रुपये के पार पहुंचा दिया है।

राम मंदिर निर्माण और तीर्थ क्षेत्र के विकास में ऑनलाइन पेमेंट की जबरदस्त भूमिका

रामसेवक पुरम और कार सेवक पुरम में भी लोगों से बातचीत में यूपीआई के जरिए होने वाले भुगतान की झलक दिखाई दी। अरविंद गुप्ता ने कहा कि सही माने में यह अच्छी चीज है। सुरक्षित भी है और सब कुछ रिकार्ड में है। राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र विकास से जुड़े सूत्र भी बताते हैं कि यूपीआई के जरिए मंदिर निर्माण में लोगों का भारी सहयोग मिल रहा है। देश लोग राम मंदिर निर्माण के क्षेत्र में खुलकर योगदान दे रहे हैं। यहां तक कि विदेशों से भी राम मंदिर निर्माण और क्षेत्र के विकास के लिए रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को बहुत बड़ी मात्रा में धनराशि की प्राप्ति हो रही है। अयोध्या में बन रहे हवाई अड्डे का निरीक्षण करने गए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारी ने बताया कि पहले टैक्सी के बिल या भोजनालय पर भोजन, चाय नाश्ते के लिए बिल लेने में समस्या आती थी। वह बताते हैं कि जब एयरपोर्ट की रूपरेखा तैयार करने का काम चल रहा था, तब उनके लिए यह एक समस्या थी, लेकिन यूपीआई से भुगतान करने के बाद बिल लेने का झंझट खत्म हो जाता है।






Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *