
DDU Gorakhpur
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ‘अयोध्या अध्ययन केंद्र’ स्थापित करेगा। यह केंद्र अयोध्या की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और आधुनिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित होने की ऐतिहासिक यात्रा के विभिन्न पहलुओं पर अध्ययन को प्रोत्साहित करेगा। विभिन्न विभागों में अयोध्या और प्रभु श्रीराम से संबंधित पाठ्यक्रमों, शोध कार्यों को प्रोत्साहित करने और उनमें समन्वय स्थापित करने का कार्य करेगा।
इस संबंध में कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि डीडीयू महापुरुषों की कर्मभूमि और जन्मभूमि से घिरा एक महत्वपूर्ण अध्ययन केंद्र है। प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या सिर्फ 134 किमी दूर, गौतमबुद्ध की परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर सिर्फ 55 किमी दूर और उनकी जन्मस्थली लुंबिनी 122 किमी, संतकबीर की समाधि स्थली 30 किमी दूर स्थित है। ऐसे में विश्वविद्यालय और विद्यार्थियों को इन महापुरुषों के जीवन और उनके अवदानों के अध्ययन के लिए आगे आना चाहिए। ‘अयोध्या अध्ययन केंद्र’ इसी दिशा में लिया गया कदम है।
इसे भी पढ़ें: रामनगरी की तरह सजी गोरक्षनगरी भी, आज घर-घर मनेगी दिवाली
यह केंद्र प्राचीन इतिहास, पुरातत्व और संस्कृति विभाग में स्थापित किया जाएगा। केंद्र का मुख्य उद्देश्य अयोध्या की ऐतिहासिक यात्रा पर ध्यान केंद्रित कर एक प्राचीन शहर से एक आधुनिक तीर्थ स्थल के रूप में विकसित होने से संबंधित विषयों पर अध्ययन को प्रोत्साहित करना है।