Ram Mandir का निमंत्रण ठुकराने वाली कांग्रेस पर Sudhanshu Trivedi ने साधा निशाना, नेहरू-गांधी परिवार की बहिष्कारवादी राजनीति का कच्चा चिट्ठा देश के सामने रखा

कांग्रेस की ओर से 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण ठुकराये जाने के बाद सत्तारुढ़ भाजपा ने मुख्य विपक्षी दल पर बहिष्कार की राजनीति करने का आरोप लगाया है। भाजपा प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पहले विपक्ष ने संसद के नये भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया, जब जीएसटी लागू किया जा रहा था तब संसद के संयुक्त सत्र का बहिष्कार किया और अब जब 500 सालों बाद राम मंदिर का सपना साकार होने जा रहा है तो प्राण प्रतिष्ठा समारोह का बहिष्कार किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस यह सब तुष्टिकरण की राजनीति के चलते कर रही है।

कांग्रेस द्वारा राम मंदिर ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के निमंत्रण को अस्वीकार करने पर बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “कांग्रेस के पास इस बार मौका था कि आप अपने को बदल कर दिखा सकते थे। परंतु इन्होंने इस बार भी ये नहीं किया। आज रामराज्य की प्राण प्रतिष्ठा का श्रीगणेश हो रहा है, लेकिन कांग्रेस उसके पक्ष में नहीं है। इससे साफ है कि गांधी जी की कांग्रेस और नेहरू की कांग्रेस में बहुत अंतर है।” उन्होंने कहा कि इससे कांग्रेस के अंदर हिंदू धर्म के प्रति जो विरोध है वो प्रदर्शित होता है।

भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने साथ ही नेहरू-गांधी परिवार पर हमला बोलते हुए कहा, “जब सोमनाथ मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी, तो जवाहरलाल नेहरू जी ने 24 अप्रैल, 1951 को उस समय सौराष्ट्र के प्रमुख को लिखा था कि ‘इस कठिन समय में इस समारोह के लिए दिल्ली से मेरा आना संभव नहीं है। मैं इस पुनरुत्थानवाद से बहुत परेशान हूं, मेरे लिए बहुत कष्टकारक है कि मेरे राष्ट्रपति, मेरे कुछ मंत्री और आप सोमनाथ के इस समारोह से जुड़े हुए हैं और मुझे लगता है कि ये मेरे देश की प्रगति के अनुरूप नहीं है, इसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे।”

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