Ram Mandir : अयोध्या में महकेगा कन्नौज का इत्र, पंच जल से होगा भगवान का स्वागत

रिपोर्ट- अंजलि शर्मा
कन्नौज. कन्नौज इत्र के लिए प्रसिद्ध है. यहां की खुशबू पूरे संसार में फैली हुई है. अब इस इत्र से अयोध्या का राम मंदिर भी महकने वाला है. यहां मिट्टी से लेकर गुलाब-केवड़े तक का इत्र बनाया जाता है. इनकी कीमत 10 हजार से शुरू होकर 4 लाख रुपए तक है. इत्र व्यापारी खुश हैं कि उनकी मेहनत को भगवान राम के चरणों में जगह मिली.

कन्नौज जिला अपनी खुशबू के लिए पहचाना जाता है. ये खुशबू इत्र की है. पूजा पाठ हो या शादी ब्याह या फिर कोई महफिल. हर जगह कन्नौज के इत्र की मांग रहती है. कन्नौज के इत्र से अयोध्या में राम मंदिर परिसर महकेगा. 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान कन्नौज का इत्र मंदिर में छिड़का जाएगा.

गुलाब- चंदन-केवड़ा-मेहंदी और मिट्टी का इत्र
कन्नौज में मिट्टी से लेकर गुलाब केवड़ा तक के इत्र बनाए जाते हैं. ये पूरी तरह प्राकृतिक होते हैं. इनमें किसी तरह के रसायन का उपयोग नहीं किया जाता. गुलाब, बेला, चंदन ,चमेली, शमामा, मेहंदी, मिट्टी और जितने भी तरह के इत्र यहां बनते हैं वो सब अयोध्या भेजे जा रहे हैं. इत्र संगठन अध्यक्ष पवन त्रिवेदी ने बताया कन्नौज के इत्र व्यापारी काफी उत्साहित हैं. इस ऐतिहासिक मौके पर राम मंदिर में उन्हें जगह मिल रही है. राम जी की प्राण प्रतिष्ठा में हमारा बनाया जाना इत्र बहुत हर्ष का विषय है.

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हर इत्र की अलग पहचान 
पूजा-पाठ के काम में सबसे पहले चंदन का प्रयोग होता है. उसके बाद भगवान पर खस सहित कई प्रकार के इत्र चढ़ाए जाते हैं. केवड़ा, नागरमोथा, मिट्टी, शमामा, मोतिया, मेहंदी का बहुत महत्व है. गुलाब जल का प्रयोग शुभ कार्यों में किया जाता है. इन सभी इत्रों का अलग-अलग महत्व होता है. गुलाब, बेला, मोतिया फूलों से तैयार किए जाने वाले खास इत्र होते हैं. कहते हैं इनकी खुशबू मन को शांत रखती है. नागर मोथा, शमामा यह इत्र जड़ी बूटियां से तैयार किए जाते हैं. ये कई बीमारियों से हमें बचाते हैं. हर इत्र की अपनी अलग पहचान और खासियत है.

पंच जल भी जाएगा
अयोध्या नगरी में भगवान के स्वागत के लिए कन्नौज से खास पंच जल भी जाएगा जो मिट्टी, सन्दल, बसावा पानी, नागर मोथा,और केवड़ा से तैयार होता है.

10 हजार से शुरू होते हैं दाम
भगवान राम के स्वागत में जिन इत्रों का प्रयोग किया जाएगा उनका दाम भी इस मौके की तरह ही बहुत खास है. इनका दाम 10 हजार रुपए किलो से लेकर डेढ़ लाख रुपए तक है. मिट्टी का इत्र ₹10,000 किलो, खस का इत्र ₹65,000 किलो, केवड़े का इत्र ₹60,000 किलो, सन्दल का इत्र 1,10000 रुपए किलो, शमामा का इत्र ₹1,00,000 किलो मोतिया का इत्र 1,50,000 रुपए किलो और मेहंदी का इत्र ₹40000 प्रति किलो कीमत का है.

अयोध्या में महकेगी कन्नौज की खुशबू
कन्नौज सांसद सुब्रत पाठक भी काफी खुश हैं. वो कहते हैं इत्र यहां की पहचान है. यह प्राचीन पद्धति से फूलों और जड़ी बूटियां से बनाया जाता है. हम लोग यहां के इत्र और गुलाब जल लेकर अयोध्या जाएंगे.

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