
पूर्व मेयर सुभाष पटेल
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बरेली के पूर्व मेयर कुंवर सुभाष पटेल और उनके साथी राम मंदिर आंदोलन के अग्रदूत रहे। कारसेवा के लिए अयोध्या जाते समय सुभाष पटेल की कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। हादसे के वक्त कार में रामधुन बच रही थी। हादसे में उनकी जान बाल-बाल बची थी। उन्होंने तब पैतृक मंदिर में रामलला की प्रतिमा स्थापित कराने का जो निर्णय लिया था, वह जल्द पूरा होने जा रहा है। उनका कहना है कि राम के नाम ने उनकी जान बचाई थी।
जिले के वयोवृद्ध नेता कुंवर सुभाष पटेल और उनके साथियों ने राम मंदिर आंदोलन में क्रांतिकारी गतिविधियां की थीं। पटेल बताते हैं कि जब कल्याण सिंह की सरकार बनी तो भोजीपुरा से वह और नवाबगंज से भगवत सरन विधायक बने थे। मुख्यमंत्री ने राममंदिर आंदोलन को धार देनी शुरू की तो सभी विधायकों को अयोध्या आने का न्योता दिया गया। वह अपने गनर और ड्राइवर के साथ अयोध्या के लिए निकले थे। शाहजहांपुर से पहले ही उनकी कार एक बस से टकरा गई थी।
हादसे में वे लोग बाल-बाल बच गए। उन्होंने उसी दिन प्रण लिया था कि जब अयोध्या में राम मंदिर बनेगा तो डोहरा लालपुर रोड के अपने पैतृक मंदिर में भी रामलला की प्रतिमा स्थापित कराएंगे। पटेल बताते हैं कि वह अब मंदिर को नई प्रतिमा के लिहाज से तैयार करा रहे हैं। महीनेभर में वह यहां प्रतिमा स्थापित करा देंगे और स्थानीय लोग वहां रामजी का पूजन कर सकेंगे।