Rajori Encounter: इस सप्ताह कैप्टन शुभम को आना था घर, सिर पर सेहरा सजाने की थी तैयारी; देश के लिए हुए न्योछावर

Shubham Gupta martyred in Rajori encounter He was supposed to come home this week

पिता के साथ कैप्टन शुभम गुप्ता
– फोटो : अमर उजाला

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आगरा के लाल शुभम गुप्ता राजोरी के बाजीमाल इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में बलिदान हो गए। इस मुठभेड़ में दो अफसर और दो जवान बलिदान हुए हैं। शुभम गुप्ता जिला शासकीय अधिवक्ता बसंत गुप्ता के बेटे थे। फौजी की वर्दी में बेटे को देखकर पिता बसंत गुप्ता का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता था। वह इस साल शुभम के सिर पर सेहरा सजाने की तैयारी कर रहे थे कि बेटे के बलिदान होने की खबर आ गई। छह महीने पहले बेटा शुभम परिवार से मिलने आगरा आया था। 

जम्मू कश्मीर में तैनाती के बाद इसी सप्ताह वह आगरा आने का वादा कर रहे थे। बुधवार की शाम आगरा के डीजीसी क्राइम बंसत गुप्ता के लिए बुरी खबर लेकर आई। बेटे शुभम के बलिदान होने की जानकारी जैसे ही सेना के अफसरों ने बसंत गुप्ता को दी, उनकी आंखें आंसुओं में डूब गईं। परिवार के सदस्यों को दिल पर पत्थर रखकर अपने बेटे की शहादत की खबर दे सके। पूरे परिवार का रो रोकर बुरा हाल था। छोटा भाई अपने बड़े भाई शुभम गुप्ता के आने का इंतजार कर रहा था। इस सप्ताह ही आगरा आना था। पिता बसंत गुप्ता कैप्टन बेटे के सिर पर सेहरा सजाने की योजना बना रहे थे, लेकिन सब अरमान धरे रह गए।

सेना की सेवा में जाने की चाहत लिए शुभम ने साल 2015 में ट्रेनिंग शुरू की और साल 2018 में उन्हें सेना में कमीशन मिला। बेहद जांबाज और निडर शुभम ने स्पेशल फोर्सेज की कठिन ट्रेनिंग की और सेना में कई ऑपरेशनों को अंजाम दिया। शुभम के शहीद होने की खबर मिलने के बाद आगरा के सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल, फतेहपुर सीकरी के सांसद राजकुमार चाहर, विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल, विजय शिवहरे समेत संस्थाओं से जुड़े लोग बसंत गुप्ता के घर ढांढस बंधाने के लिए पहुंच गए।

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