राजस्थान में आगामी 23 नवंबर 2023 को विधानसभा के चुनाव होने है। ऐसे में बीजेपी राज्य की सत्ता को हासिल करने के लिए लगातार कोशिश में लगी हुई है। हांलाकि राज्य में बीजेपी के सीएम के चेहरे को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी आलाकमान राजस्थान में नए नेतृत्व लाने की सोच रहे हैं। वहीं राजस्थान में हर 5 साल के बाद सत्ता परिवर्तन की रवायत रही है। लेकिन इस बार की स्थिति अलग मानी जा रही है।
पार्टी में चल रही गुटबाजी
बता दें कि पिछले दो विधानसभा चुनाव में भाजपा ने वसुंधरा राजे को सीएम फेस घोषित कर सत्ता हासिल की थी। लेकिन इस बार पार्टी द्वारा पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ने की बात कह रही है। ऐसे में भाजपा की गुटबाजी उस पर भारी पड़ सकती है। वहीं बीजेपी ने सत्ता परिवर्तन के ट्रेंड को बरकरार रखने के लिए सीएम गहलोत को निशाने पर ले रखा है। पार्टी के नेता सीएम गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं।
कांग्रेस उठा सकती है फायदा
लेकिन अगर सियासी जानकारों की मानें तो इस बार भाजपा गहलोत सरकार के खिलाफ कोई बड़ा प्रदर्शन नहीं कर पाई है। वहीं पार्टी के अंदर चल रही उठापटक से पार्टी को नुकसान झेलना पड़ सकता है। इसके अलावा वसुंधरा राजे की नाराजगी भी देखने को मिल रही है। ऐसे में बीजेपी के अंदर चल रही इस फूट का कांग्रेस पार्टी फायदा जरूर उठा सकती है।
अहम फैक्टर है जनता
बीते कुछ समय से राज्य की राजनीति में कई बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। जहां सीएम के पद को लेकर नाराजगी दिखी, तो वहीं राजस्थान में लाल डायरी का राज अभी भी बरकरार है। मंत्री की बर्खास्तगी हो, या पूर्व मुख्यमंत्री को कई अहम सूची से बाहर रखना हो। दोनों ही मुख्य राजनीतिक पार्टियों के तमाम मुद्दे हैं, जिनके जरिए वह एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं। ऐसे में राजस्थान में जो सबसे अहम फैक्टर है, वह राज्य के लोगों का मिजाज है। ऐसे में यह देखना काफी ज्यादा दिलचस्प होगा कि राज्य की जनता सत्ता परिवर्तन के ट्रेंड को बरकरार रखती है या पुरानी सरकार को फिर से मौका देती है।