Rajasthan Election 2023: आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों पर चुनाव आयोग सख्त, देनी होगी ये जानकारी

highlights

  • विधानसभा चुनावों में निर्वाचन आयोग ने दिखाई सख्ती
  • उम्मीदवारों के अपराधों के बारे में देनी होगी जानकारी
  • समाचार पत्र और न्यूज चैनल पर कराना होगा प्रसारण

New Delhi:  

Rajasthan Elections 2023: राजस्थान समेत पांच राज्यों में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. सभी राजनैतिक दल चुनाव प्रसार में लगे हुए हैं. साथ ही उम्मीदवारों के नाम की घोषणा भी कर दी गई है. राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान होगा. इस बीच चुनाव आयोग ने आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों पर सख्ती दिखाई है. जिसके तहत भारत निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिया है कि विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान पार्टियों को अपने उम्मीदवारों के आपराधिक रिकार्ड की जानकारी समाचार पत्र और टीवी चैनल्स के माध्यम से तीन बार प्रसारित करानी होगी.

ये सभी जानकारियां अलग-अलग समय पर प्रसारित करानी होगी. मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ये फैसला लिया गया है. एससी के आदेश के बाद चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में जानकारी देने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं.

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जानिए कब देनी होगी पार्टियों को जानकारी

जानकारी के मुताबिक, चुनाव में अगर किसी राजनैतिक पार्टी ने किसी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्तियों को अपना उम्मीदवार बनाया है, तो पार्टी को चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित नए फॉर्मेट सी-7 में ऐसे उम्मीदवारों के चयन से 48 घंटे के भीतर यह प्रकाशित करना होगा कि उस उम्मीदवारों का उन्होंने चयन क्यों किया. प्रवीण गुप्ता ने आगे बताया कि इसी के साथ इस प्रकाशन की सूचना राजनैतिक दलों को फॉर्मेट सी-8 में 72 घंटे के भीतर भारत निर्वाचन आयोग को भी देनी होगी. इसके अलावा आपराधिक मामलों के प्रचार-प्रसार के लिये उन्हें फॉर्मट सी-1 और सी-2 द्वारा राष्ट्रीय और स्थानीय समाचार पत्रों के अलावा टीवी चैनल्स में भी इसे प्रसारित करवाना होगा.

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किस वक्त करना होगा प्रकाशन

बताया जा रहा है कि उम्मीदवारों द्वारा भरे गए नामांकन पत्र में अगर उम्मीदवार खुध को किसी मामले में अपराधी बनने की सूचना देता है तो अभ्यर्थी एवं संबंधित राजनीतिक दल को सूची के अनुसार जानकारी प्रकाशित और प्रसारित करानी होगी. आयोग के मुताबिक, विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों में यदि किसी का आपराधिक रिकॉर्ड है, तो पहला प्रकाशन नामांकन वापसी की अवधि के पहले चार दिनों के भीतर कराना होगा. जबकि दूसरा प्रकाशन अगले पांच से आठ दिनों के बीच करना अनिवार्य होगा. जबकि तीसरा और आखिरी प्रकाशन 9वें दिन से प्रचार अभियान के अंतिम दिन से दो दिन पहले प्रकाशित कराना होगा.

इन तारीखों में कराना होगा प्रकाशन

राजस्थान में उम्मीदवारों के बारे में जानकारी का पहला प्रकाशन 10 नवंबर 2023 से 13 नवंबर 2023 के बीच कराना होगा. जबकि दूसरा प्रकाशन 14 नवंबर 2023 से 17 नवंबर 2023 के बीच कराना होगा. वहीं तीसरा प्रकाशन 18 11 2023 से चुनाव प्रचार के आखिरी दिन तक कराना होगा.

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इन समाचार पत्रों में प्रकाशित करानी होगी जानकारी

इसके अलावा चुनाव आयोग ने ये भी बताया है कि उम्मीदवारों के बारे में जानकारी ऐसे राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्र में देनी होगी जिनकी प्रसार संख्या प्रतिदिन 75 हजार हो, जबकि स्थानीय समाचार पत्र जिसकी 25 हजार प्रतिदिन प्रकाशित होती हों, उसमें सी-1 एवं सी-2 फार्मेट प्रकाशित करवाने होंगे. इसके अलावा विभिन्न टीवी चैनल में भी इनका प्रसारण करवाना होगा, जिसकी समयावधि सुबह 8 से रात 10 बजे के बीच कम से कम सात सेकंड के लिए होनी चाहिए. मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता का कहना है कि आयोग के निर्देशानुसार फॉर्मेट सी-1 उम्मीदवारों के लिए होगा. वहीं फॉर्मेट सी-2 राजनीतिक दलों के लिए लागू किया गया है.

ऐसे भरें फॉर्मेट सी-1

उम्मीदवारों के अपराधों के बारे में जानकारी देने के लिए सी-न फॉर्मेट में उम्मीदवार के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों से संबंधित विवरण को मोटे अक्षरों में देना होगा. वहीं समाचार पत्रों में सूचना न्यूनतम 12 फोंट के आकार में प्रकाशित करानी होगी. जबकि हर मामले के लिए विवरण अलग-अलग पंक्तियों में अलग-अलग प्रकाशित कराना होगा.

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इसके साथ ही उम्मीदवारों को अपने लंबित पड़े मामलों के बारे में अपनी पार्टी के भी इसकी सूचना देनी होगी. आपराधिक मामलों के संबंध में घोषणा के प्रकाशित होने के बाद उम्मीदवार को इसकी सूचना तुरंत रिटर्निंग अधिकारी को देनी होगी. इसके अलावा चुनाव परिणाम आने के बाद 30 दिनों के अंदर उम्मीदवार को निर्वाचन के खर्चों का लेखा समेत फार्मेट सी-4 में मामलों के संबंध में घोषणा के प्रकाशन के बारे में एक रिपोर्ट जिला निर्वाचन अधिकारी के सामने भी पेश करनी होगी.

राजनैतिक दलों को फॉर्मेट सी-2 में देनी होगी जानकारी

वहीं राजनैतिक दलों को फॉर्मेट सी-2 के तहत वेबसाइट्स, समाचार चैनलों और समाचार पत्रों में अपने उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में जानकारी देनी होगी. इसके अलावा राजनैतिक दलों को अपने उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर भी इसकी जानकारी देनी होगी.




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