Rajasthan- DGP उमेश मिश्रा ने लिया VRS, IPS उत्कल रंजन साहू को बनाया कार्यवाहक DGP

Rajasthan DGP Umesh Mishra: राजस्थान के DGP उमेश मिश्रा ने वीआरएस ले लिया है. भजनलाल सरकार ने उनकी जगह उत्कल रंजन साहू को कार्यवाहक डीजीपी का प्रभार सौंपा है. इसके लिए कार्मिक विभाग ने आदेश  भी जारी कर दिए है. बता दें कि  DGP उमेश मिश्रा की नियुक्ति दो साल के लिए हुई थी. लेकिन गहलोत सरकार के जाते ही उन्हें हटाने के कयास भी लगने शुरू हो गए थे, जिनपर शुक्रवार को मुहर लग ई. अभी उनका एक साल का कार्यकाल बाकी था. 

गहलोत के पसंदीदा थे  DGP उमेश मिश्रा

राजस्थान में भजनलाल सराकर के आते ही पुरानी नियुक्तियों पर गाज गिरने लगी है. इसी के साथ ही यह तय माना जा रहा था कि कि प्रदेश का डीजीपी भी बदला जाएगा. ऐसे में डीजीपी मिश्रा ने समय को भांपते हुए एक साल पहले ही वीआरएस ले लिया है. मिश्रा की नियुक्ति गहलोत सरकार में हुई थी. 

गहलोत के पसंदीदा थे  DGP उमेश मिश्रा

राजस्थान में भजनलाल सराकर के आते ही पुरानी नियुक्तियों पर गाज गिरने लगी है. इसी के साथ ही यह तय माना जा रहा था कि कि प्रदेश का डीजीपी भी बदला जाएगा. ऐसे में डीजीपी मिश्रा ने समय को भांपते हुए एक साल पहले ही वीआरएस ले लिया है. मिश्रा की नियुक्ति गहलोत सरकार में हुई थी. 

उत्तरप्रदेश के  रहने वाले हैं DGP उमेश मिश्रा
 DGP उमेश मिश्रा मूलत: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर के रहने वाले हैं. वह  पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सबसे पसंदीदा अफसरों में एक थे. उन्होंने चार साल तक इंटेलीजेंस में काम किया था. जिसके बाद 27 अक्टूबर 2022 को  उन्हें राजस्थान पुलिस के महानिदेशक के पद पर नियुक्त किया गया था.  उल्लेखनीय है कि इनकी नियुक्ति के समय भी दो सीनियर आईपीएस अफसरों को दरकिनार कर इन्हें  डीजीपी बनाया  गया था. 

IPS उत्कल रंजन  साहू को सौंपा प्रभार 

वहीं DGP उमेश मिश्रा के वीआरएस लेने के बाद  1988 बैच के आईपीएस अधिकारी उत्कल रंजन साहू को कार्यवाहक DGP बनाया गया है. फिलहास वह होमगार्ड का भी अतिरिक्त कार्यभार देख रहे है.  मालूम हो कि उत्कल रंजन साहू  ओडिशा के रहने वाले है.   जून 2020 में ही डीजी रैंक पर उन्हें प्रमोशन मिला था. इससे पहले वो पौने तीन साल तक यूआर साहू डीजी (डायरेक्टर जनरल) होमगार्ड पद पर तैनात थे. 

IPS उत्कल रंजन  साहू की अन्य पोस्टिंग
सबसे पहले 1991 में IPS उत्कल रंजन  साहूने जोधपुर पूर्व में सहायक एसपी के तौर पर काम किया है. धौलपुर में 1994 में एसपी बनाया गया. बाड़मेर में 1995 में एसपी बने, हनुमानगढ़ में 98 में एसपी रहे और सीकर में 99 एसपी पद पर काम किया है. उसके बाद बांसवाड़ा, श्रीगंगानगर, भीलवाड़ा में भी एसपी रहे हैं. उसके बाद कई जगहों पर बड़ी पोस्टिंग मिली है. इन्हें 2005 में पुलिस मेडल और 2017 में राष्ट्र्पति पुलिस मेडल मिल चुका है.

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