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नवंबर में राजस्थान में हुए चुनाव के दौरान करणपुर सीट पर मतदान नहीं हो सका था। इसका बड़ा कारण यह था कि तत्कालीन विधायक और कांग्रेस उम्मीदवार गुरमीत सिंह कूनर का निधन हो गया था
एक बड़े झटके में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता और राजस्थान के कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र पाल सिंह करणपुर विधानसभा सीट चुनाव में अपने कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी रूपिंदर सिंह कूनर से हार गए। दिलचस्प बात यह भी है कि राजस्थान में सरकार बनने के बाद भाजपा ने इन्हें मंत्री बनाया था। 10 दिन पहले ही उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली थी और दावा किया था कि करणपुर से चुनाव जीत जाएंगे। हालांकि जानकारी के मुताबिक करणपुर से सुरेंद्र पाल टीटी को लगभग 12000 वोटो से हार मिली है।
दरअसल, नवंबर में राजस्थान में हुए चुनाव के दौरान करणपुर सीट पर मतदान नहीं हो सका था। इसका बड़ा कारण यह था कि तत्कालीन विधायक और कांग्रेस उम्मीदवार गुरमीत सिंह कूनर का निधन हो गया था। इसके बाद से मतदान को स्थगित कर दिया गया था। सुरेंद्र पाल टीटी को 30 दिसंबर को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी। भजनलाल शर्मा की सरकार में उन्हें राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया था। राज्यपाल कलराज मिश्र ने उन्हें पद और गोपनीयता के शपथ दिलाई थी। अपनी जीत को लेकर सुरेंद्र पाल काफी पक्के नजर आ रहे थे।
हालांकि कांग्रेस सुरेंद्र पाल को मंत्री बनाए जाने को लेकर कई सवाल उठाए थे। इस जीत पर कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने लिखा कि श्रीकरणपुर में कांग्रेस प्रत्याशी श्री रुपिन्दर सिंह कुन्नर को जीत की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। यह जीत स्व. गुरमीत सिंह कुन्नर के जनसेवा कार्यों को समर्पित है। उन्होंने कहा कि श्रीकरणपुर की जनता ने भारतीय जनता पार्टी के अभिमान को हराया है। चुनाव के बीच प्रत्याशी को मंत्री बनाकर आचार संहिता और नैतिकता की धज्जियां उड़ाने वाली भाजपा को जनता ने सबक सिखाया है।
श्रीकरणपुर में कांग्रेस प्रत्याशी श्री रुपिन्दर सिंह कुन्नर को जीत की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। यह जीत स्व. गुरमीत सिंह कुन्नर के जनसेवा कार्यों को समर्पित है।
श्रीकरणपुर की जनता ने भारतीय जनता पार्टी के अभिमान को हराया है। चुनाव के बीच प्रत्याशी को मंत्री बनाकर आचार संहिता…
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 8, 2024
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