
उपचुनाव
में
कांग्रेस
भारी
राजस्थान
में
2018
के
विधानसभा
चुनाव
के
बाद
से
अब
तक
3
साल
में
7
सीटों
पर
उपचुनाव
हुए
हैं।
चुनावों
में
कांग्रेस
का
पलड़ा
भारी
रहा
है।
सात
में
से
पांच
सीटों
पर
विपक्षी
दल
भाजपा
को
मुंह
की
खानी
पड़ी
है।
कांग्रेस
से
मंडावा
और
धरियावद
सीट
भाजपा
से
छिनी
है
तो
दूसरी
तरफ
सुजानगढ़,
सहाड़ा,
वल्लभनगर
सीट
पर
अपना
कब्जा
बरकरार
रखा
है।
वहीं
भाजपा
केवल
राजसमंद
सीट
को
बरकरार
रख
सकी
है।
खींवसर
सीट
पर
हनुमान
बेनीवाल
की
पार्टी
ने
अपना
कब्जा
बरकरार
रखा
है।

कांग्रेस
की
परंपरागत
सीट
सरदार
शहर
सीट
परंपरागत
रुप
से
कांग्रेस
के
कब्जे
में
रही
है।
आजादी
के
बाद
से
अब
तक
यहां
हुए
15
बार
चुनाव
में
कांग्रेस
9
बार
अपने
विधायक
दे
चुकी
हैं।
भंवरलाल
शर्मा
यहां
से
चार
बार
कांग्रेस
और
दो
बार
जनता
दल
के
टिकट
पर
विधायक
रहे
हैं।
वर्ष
2018
में
विधानसभा
चुनाव
में
भंवरलाल
शर्मा
18,816
वोटों
से
चुनाव
जीते
थे।
उन्हें
95
हजार
282
वोट
मिले
थे।
जबकि
भाजपा
के
उम्मीदवार
अशोक
पिंचा
को
78,466
वोट
मिले
थे।

सरकार
में
है
कांग्रेस
के
107
विधायक
कोरोना
काल
में
मंत्री
और
सुजानगढ़
से
विधायक
मास्टर
भंवरलाल,
सहाड़ा
से
कांग्रेस
विधायक
कैलाश
त्रिवेदी,
वल्लभनगर
से
कांग्रेस
विधायक
गजेंद्र
सिंह
शक्तावत,
राजसमंद
से
बीजेपी
विधायक
किरण
माहेश्वरी
और
धरियावद
से
बीजेपी
विधायक
गौतम
लाल
मीणा
का
निधन
होने
से
इन
सीटों
पर
उपचुनाव
हुए
थे।
वही
मंडावा
से
भाजपा
विधायक
नरेंद्र
कुमार
और
खींवसर
से
रालोपा
विधायक
हनुमान
बेनीवाल
के
सांसद
बनने
के
बाद
यहां
उपचुनाव
हुए
थे।
राजस्थान
की
200
सदस्यीय
विधानसभा
में
इस
समय
कांग्रेस
के
107
भारतीय
जनता
पार्टी
के
71
और
13
निर्दलीय
विधायक
है।
एक
सीट
खाली
है।
जबकि
बाकी
सीटें
अन्य
दलों
के
पास
है।