Punjab Sports Policy: भगवंत मान सरकार का बड़ा ऐलान, खिलाड़ियों और कोचों को मिलेगा नकद इनाम

highlights

  • पंजाब खेल के क्षेत्र में बनेगा देश का नंबर वन राज्य.
  • खिलाड़ियों के लिए नयी सौगातों का हुआ ऐलान.
  • खिलाड़ियों और कोचों को मिलेगा नकद इनाम

नई दिल्ली:  

Punjab Sports Policy 2023: पंजाब (Punjab) को खेल के क्षेत्र में देश का नंबर वन राज्य बनाने की तैयारी शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) के नेतृत्व वाली कैबिनेट द्वारा पास की नयी खेल नीति का आज विवरण जारी करते हुये खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर (Gurmeet Singh Meet Hayer) ने सोमवार को पंजाब भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान खिलाड़ियों के लिए नयी सौगातों का ऐलान किया. राज्य सरकार की नयी खेल नीति में नकद इनामों का ऐलान करते हुये खिलाड़ियों और कोचों के लिए अवार्ड और खिलाड़ियों के लिए नौकरियों का रास्ता साफ कर दिया गया है. राज्य के हर गांव में खेल नर्सरी बनाने से लेकर स्टेट स्तर में अत्याधुनिक सहूलियतों के साथ लैस सेंटर बनेंगे.

बढ़ाई गई इनामी राशि

खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने बताया कि ओलंपिक खेलों के स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक विजेताओं की मौजूदा इनामी राशि 2. 25 करोड़, डेढ़ करोड़, और एक करोड़ रुपए से बढ़ा कर 3 करोड़, 2 करोड़ और एक करोड़ करने का फैसला किया गया. इससे पहले करीब 25 खेल और पदक विजेताओं को नकद इनाम मिलते थे जबकि अब इनकी संख्या बढ़ाकर 80 से अधिक कर दी है. 

बढ़ाई जाएगी कोचों की संख्या 

खेल मंत्री ने बताया कि पदक विजेता बेहतरीन खिलाड़ियों के लिए तैयार किये विशेष काडर में 500 पोस्टों की व्यवस्था की गई है. इनमें 40 डिप्टी डायरेक्टर, 92 सीनियर कोच, 138 कोच और 230 जूनियर कोच शामिल हैं. उन्होंने बताया कि हरियाणा में 2017 कोचों के मुकाबले पंजाब में सिर्फ 309 कोच हैं और नयी खेल नीति अनुसार 2360 कोचों की प्रस्तावना है. खिलाड़ियों की तरह कोचों और प्रमोटरों के लिए पहली बार अवार्ड शुरू करने का फैसला किया गया है. मंत्री ने बताया कि पंजाब के कोचों को अब ओलंपियन बलबीर सिंह सीनियर कोच अवार्ड मिलेगा जिसमें 5 लाख रुपए इनामी राशि, ट्रॉफी और ब्लेजर शामिल होगा. इसी तरह खेल को प्रमोट करने वाली कोई भी निजी संस्था या व्यक्ति के लिए मिल्खा सिंह अवार्ड फॉर स्पोर्टस प्रमोटर्ज़/ आर्गेनाइजेशन शुरू किया जा रहा है. 

गांव में बनेंगे खेल के मैदान 

गुरमीत सिंह मीत हेयर ने आगे बताया कि सभी उम्र वर्गों और फिजिकल फिटनेस को ध्यान में रखते हुये गांव स्तर पर स्थानीय जरूरतों को देखते हुये खेल मैदान स्थापित किये जाएंगे. कुल बजट का 25 प्रतिशत वन टाईम मैचिंग ग्रांट (अधिकतम 10 लाख रुपए प्रति गांव) देने की व्यवस्था होगी. इसी तरह बेहतर कोचिंग, खेल समान और रिफरेशमेंट वाली क्लस्टर स्तर की 1000 खेल नर्सरियां स्थापित की जाएंगी. 25 लाख रुपए प्रति नर्सरी के हिसाब के साथ इसका कुल बजट 250 करोड़ रुपए होगा. राष्ट्रीय स्तर के मुकाबलों के लिए खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए हर जिले में 200 खिलाड़ियों के स्पोर्टस होस्टलों वाला जिला खेल ढांचा बनाया जाना है. जालंधर, माहलपुर के अलावा मोहाली, पटियाला, लुधियाना, बठिंडा और अमृतसर के जिला स्तरीय ढांचे को स्टेट स्तर तक अपग्रेड करना है. 

शुरू हुई वजीफा देने की स्कीम 

खेल मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेताओं को मासिक वजीफा देने के लिए पहली बार बलबीर सिंह सीनियर वजीफा स्कीम देने की शुरुआत की गई है. इस स्कीम के अंतर्गत सीनियर स्तर पर नेशनल पदक विजेता को एक साल के लिए 16 हज़ार रुपए वजीफा और जूनियर स्तर पर नेशनल पदक विजेता को एक साल के लिए 12 हजार रुपए वजीफा दिया जायेगा. 

‘सीएम ने नई खेल नीति बनाने का लिया फैसला’

खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने आगे बताया कि पिछले समय में खेलों में आईं तबदीलियों और पिछली खेल नीतियों में कई खामियों को देखते हुये मुख्यमंत्री की तरफ से नयी खेल नीति बनाने का फैसला किया गया. खेल विभाग की तरफ से नयी नीति बनाने के लिए माहिरों की कमेटी बनाई गई. कमेटी में हॉकी ओलंपियन सुरिन्दर सिंह सोढी और पूर्व डीजीपी राजदीप सिंह गिल के अलावा उच्च शिक्षा और स्कूल शिक्षा के खेल से संबंधित नुमाइंदे शामिल किये गए. इसके अलावा सामान्य लोगों से सुझाव भी लिए गए. 




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