Prostate Cancer: कैसे फैलता है पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर, जानें इसके कारण और लक्षण

नई दिल्ली:

Prostate Cancer: प्रोस्टेट कैंसर दुनियाभर में पुरुषों में होने वाली दूसरी आम कैंसर है, जिसमे प्रोस्टेट ग्रंथि में विकसित होती है. प्रोस्टेट ग्रंथि एक छोटा ग्रंथि है जो पुरुषों के अंदर उनके निचले पेशाब करने के नलिकाओं के आसपास स्थित होता है. यह कैंसर अक्सर धीमी गति से बढ़ता है और शुरूआत में उसके लक्षण अधिकतर नहीं होते हैं, इसलिए यह धीरे-धीरे बढ़ता है और बाद में पेशाब में परेशानी, तनाव, या निर्धारित गति के साथ पेशाब में रुकावट के रूप में पहचाना जा सकता है. अधिकतर मामलों में, यदि प्रोस्टेट कैंसर समय पर और सही तरीके से निपटाया जाता है, तो लोगों के जीवन की अवधि में सुधार किया जा सकता है.

प्रोस्टेट कैंसर कुछ संभावित लक्षण हैं:

पेशाब में समस्या: पेशाब में अधिक या कम दर्द, या आपको अनियमित या आधे पेशाब की भावना हो सकती है.

पेशाब के दौरान दर्द या असंवेदनशीलता: पेशाब के समय दर्द या असंवेदनशीलता का अनुभव हो सकता है.

अधिक पेशाब की भावना: आपको एकाधिक पेशाब की भावना हो सकती है, खासकर रात को.

पेशाब के बाद बूँदों की गिरावट: पेशाब के बाद थोड़े समय तक बूँदों की गिरावट का अनुभव हो सकता है.

खून या सीमेन में मिलावट: पेशाब के साथ खून के या सेमेन के मिलावट की आशंका हो सकती है.

निम्न पेट में दर्द: प्रोस्टेट के आकार के बढ़ने के कारण पेट में दर्द का अनुभव हो सकता है.

सेक्सुअल संबंधी समस्याएँ: निष्कामीपन, इरेक्टाइल डिसफंक्शन, या अन्य सेक्सुअल संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं.

प्रोस्टेट कैंसर के कुछ संभावित कारण

जीनेटिक प्रभाव: प्रोस्टेट कैंसर के लिए आपकी पारिवारिक परिवेश में कुछ गुण जिम्मेदार हो सकते हैं. यदि किसी परिवार में पहले से ही प्रोस्टेट कैंसर के मामले हैं, तो अन्य सदस्यों के भी कैंसर के होने की संभावना बढ़ जाती है.

आयु: ज्यादातर प्रोस्टेट कैंसर के मामले उम्रदराज पुरुषों में होते हैं, खासकर 50 वर्ष की आयु से अधिक उम्र के पुरुषों में.

हार्मोनल कारण: हार्मोनल परिवर्तन, जैसे कि टेस्टोस्टेरोन के स्तर में वृद्धि, प्रोस्टेट कैंसर के विकास में योगदान कर सकते हैं.

अन्य कारण: विभिन्न अन्य कारणों जैसे अपूर्ण आहार, अल्कोहल का सेवन, धूम्रपान, ज्यादा वजन, न्यूनतम शारीरिक गतिविधियाँ, और कुछ औषधियों का उपयोग भी प्रोस्टेट कैंसर के विकास के लिए एक अधिकारी कारण हो सकते हैं.

प्रोस्टेट कैंसर के इलाज

प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण आमतौर पर शुरुआत में अस्पष्ट होते हैं, और यह लक्षण धीरे-धीरे बढ़ते हैं जब ग्रंथि का आकार बढ़ने लगता है या कैंसर अन्य अंगों में फैलता है. प्रोस्टेट कैंसर के इलाज के लिए कई विकल्प हैं, जैसे कि सर्जरी, रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी, हार्मोन थैरेपी, और दवाओं का उपयोग. प्रोस्टेट कैंसर की जांच के लिए ब्लड टेस्ट, डिजिटल रिक्टल एग्जामिनेशन (DRE), प्रोस्टेट स्क्रीनिंग टेस्ट (PSA टेस्ट) और बारियोसीन्टेसिस (biopsy) आदि का उपयोग किया जा सकता है. प्रोस्टेट कैंसर का सही समय पर पहचानना और उपचार करवाना महत्वपूर्ण है. अगर आंकड़ों की बात करें तो इस समय दुनियाभर के करीब 17 लाख लोग प्रोस्टेट कैंसर से जूझ रहे हैं. भारत की बात करें तो 2 लाख 80 हजार से भी ज्यादा लोग इससे ग्रसित है. भारत में प्रोस्टेट कैंसर का खतरा प्रति 2.5 फीसदी की दर से बढ़ रहा है. 

कई अन्य आंतरिक और बाहरी कारक भी प्रोस्टेट कैंसर के विकास में भूमिका निभाते हैं. इसलिए, सटीक कारण जानने के लिए किसी पेशेवर चिकित्सा पेशेवर से परामर्श लें और प्रोस्टेट कैंसर के शुरुआती कारणों का विश्लेषण करने के लिए दवाओं के संपर्क में रहें.

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *