President Standard and Colors Award | भारतीय वायुसेना हवाई क्षेत्र की रक्षा कर रही, अंतरिक्ष कार्यक्रम में अहम योगदान दे रही है: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

गाजियाबाद। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को भारतीय वायुसेना की चार इकाइयों को ‘राष्ट्रपति मानक एवं रंग (प्रेजिटेंड्स स्टैंडर्ड एंड कलर्स)’ पुरस्कार से सम्मानित किया। गाजियाबाद में हिंडन वायु सेना स्टेशन में आयोजित एक समारोह में 45 स्क्वाड्रन और 221 स्क्वाड्रन को ‘राष्ट्रपति के मानक’ और 11 ‘बेस रिपेयर डिपो’ तथा 509 सिग्नल यूनिट को ‘राष्ट्रपति के रंग’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। भारतीय वायुसेना के इतिहास में यह पहला अवसर है जब वायुसेना की चार इकाइयों को एक साथ इन पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।

राष्ट्रपति मानक और रंग पुरस्कार किसी भी सशस्त्र बल इकाई के लिए सर्वोच्च सैन्य सम्मान है। इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चुनी गई चारों इकाइयों का भारतीय वायुसेना के इतिहास में शानदार योगदान है। वायुसेना की 45 स्क्वाड्रन को ‘फ्लाइंग डैगर्स’ के नाम से भी जाना जाता है। इसकी स्थापना 1959 में हुई थी। इस स्क्वाड्रन ने 1960 में पुर्तगाली शासन से गोवा की आजादी के लिए ‘ऑपरेशन विजय’ में भाग लिया था। वायुसेना की 221 स्क्वाड्रन को ‘वैलिएंट्स’ के नाम से जाना जाता है। इसकी स्थापना 14 फरवरी 1963 को वैम्पायर विमान से लैस बैरकपुर में की गई थी। इस स्क्वाड्रन के गठन के बमुश्किल दो साल बाद इसे 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान पूर्वी क्षेत्र में तैनात किया गया था, जहां इसने सराहनीय योगदान दिया था।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कहा कि देश की सेवा में भारतीय वायुसेना का योगदान ‘स्वर्णाक्षरों’ में अंकित है और वह न केवल हवाई क्षेत्र की रक्षा कर रही है, बल्कि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों में भी अहम योगदान दे रही है।
मुर्मू ने भारतीय वायुसेना की चार इकाइयों को ‘राष्ट्रपति मानक एवं रंग (प्रेजिटेंड्स स्टैंडर्ड एंड कलर्स)’ पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि उन्हें विश्वास है कि अधिक से अधिक महिलाएं वायुसेना में भर्ती होंगी और राष्ट्र की सेवा करेंगी।

उन्होंने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं को बधाई भी दी।
उन्होंने कहा कि राष्ट्र की सेवा में भारतीय वायुसेना का योगदान स्वर्णाक्षरों में अंकित है।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘यह हर्ष की बात है कि भारतीय वायुसेना न केवल हवाई क्षेत्र की रक्षा कर रही है, बल्कि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों में भी अहम योगदान दे रही है।’’
मुर्मू ने कहा कि जल, थल और नभ की रक्षा करने के अलावा आज साइबर क्षेत्र तथा प्रयोगशालाओं की रक्षा करना भी आवश्यक है।
समारोह के बाद अपने संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई है कि भारतीय वायुसेना पिछले कुछ वर्षों से उन्नत प्रौद्योगिकियां अपना रही है।



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