
नफीस बिरयानी।
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50 हजार का इनामी नफीस अशरफ के जेल से लेकर पैरवी-पेशी तक के खर्चे उठाता था। इसके साथ ही अशरफ की पत्नी जैनब के लिए भी रुपयों-गाड़ी का इंतजाम करता था। करेेली में छोटी सी दुकान से व्यवसाय शुरू करने वाला यह आरोपी माफिया की सरपरस्ती में कुछ ही सालों में फर्श से अर्श पर पहुंच गया। ठेले पर बिरयानी बेचने वाला दुकानदार जमीनों का सौदागर बन बैठा था।
नफीस को करीब से जानने वाले बताते हैं कि 2005 में वह बेहद तंगी के दौर से गुजर रहा था। तब करेली में उसने ठेले पर बिरयानी बेचना शुरू किया। तंगहाली के दिनों में उसके स्कूल के साथी रहे माफिया अशरफ ने उसका साथ दिया। न सिर्फ रुपयों से मदद की बल्कि बड़े भाई के कब्जे वाली नवाब युसुफ रोड स्थित जमीन को कारखाने के लिए दे दिया। इसके बाद नफीस ने एमजी मार्ग पर पैलेस सिनेमाहाल के पास बिरयानी की दुकान खोली। दुकान चल पड़ी और देखते ही देखते वह नफीस बिरयानी के नाम से जाना जाने लगा।
अशरफ और उसके गुर्गे अक्सर उसकी दुकान पर बिरयानी खाने पहुंचते थे। इसके बाद अशरफ की मदद से ही वह जमीनों की खरीद फरोख्त में जुट गया और फिर माफिया की काली कमाई को सफेद करने में लग गया। 2021 में अशरफ के जेल जाने के बाद से उसके जेल और पेशी-पैरवी के खर्चे वह ही उठाता था। अशरफ की पत्नी जैनब के लिए रुपयों व गाड़ी का इंतजाम भी वह ही करता था। अशरफ के नाम पर उसने जमीन के कई बड़े सौदों में भी हाथ डाला और लाखों रुपये कमाए भी।