विपक्ष का इंडिया गठबंधन अब पूर्ण रूप से समाप्त होने की कगार पर पहुँच चुका है क्योंकि क्षेत्रीय दलों के साथ कांग्रेस के रुखे व्यवहार और कांग्रेस नेताओं की ओर से निर्णय लेने में देरी जैसे कारणों से सहयोगी दल बेहद परेशान हैं। क्षेत्रीय दलों की शिकायत है कि लोकसभा चुनाव सर पर हैं तब भी कांग्रेस गंभीर नहीं है। क्षेत्रीय दलों का कहना है कि भाजपा से लड़ने के लिए सब विपक्षी नेता एक मंच पर एकत्रित हुए थे लेकिन लगता है कि कांग्रेस हमसे ही लड़ रही है। क्षेत्रीय दलों का कहना है कि एक ओर भाजपा सभी संसदीय क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव कार्यालय खोलती जा रही है वहीं कांग्रेस सीट बंटवारे को ही अंतिम रूप नहीं दे पा रही है। इस समय की जो स्थिति है उसके मुताबिक, कांग्रेस के शिथिल रवैये को देखते हुए कई विपक्षी दल अब इंडिया गठबंधन छोड़ने के मूड़ में नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि इसी सप्ताह कुछ क्षेत्रीय दल बड़े ऐलान कर सकते हैं।
इंडिया गठबंधन का आधार रखने वाला जनता दल युनाइटेड तो पहले ही कांग्रेस पर तमाम तरह के आरोप लगा कर बाहर जा चुका है तो वहीं आम आदमी पार्टी भी सिर्फ दिल्ली, गोवा और गुजरात में कांग्रेस के साथ गठबंधन को राजी दिख रही है। समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के लिए एकतरफा 11 सीटें छोड़ने का ऐलान किया जिसे कांग्रेस ने ही ठुकरा दिया है इसीलिए उत्तर प्रदेश में भी यह गठबंधन मूर्त रूप लेता नहीं दिख रहा है। उधर, इंडिया गठबंधन की बड़ी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने भी अब कांग्रेस पर जोरदार निशाना साध दिया है। पश्चिम बंगाल में सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी ने विपक्षी गठबंधन इंडिया में मतभेदों के लिए सीट-बंटवारे को अंतिम रूप देने में कांग्रेस पार्टी की विफलता को जिम्मेदार ठहराया है। अभिषेक बनर्जी ने दावा किया है कि पिछले आठ महीनों में बार-बार याद दिलाने के बावजूद, कांग्रेस सीट-बंटवारा समझौते पर मुहर लगाने में निष्क्रिय रही।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे एवं टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव ने ‘‘भाजपा के हाथों में खेलने’’ और राष्ट्रीय स्तर पर सहयोगी होने के बावजूद पश्चिम बंगाल में टीएमसी सरकार पर बार-बार हमला करने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी की भी आलोचना की। टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘गठबंधन के मानदंडों के अनुसार, सबसे पहली चीज जो आप करते हैं, वह सीट-बंटवारे पर मुहर लगाना है। हमने सीट-बंटवारे के मुद्दे पर मुहर लगाने के लिए आठ महीने तक इंतजार किया था, लेकिन कांग्रेस निष्क्रिय बैठी रही और कुछ भी आगे नहीं बढ़ पाया।’’ हम आपको बता दें कि टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि पार्टी पश्चिम बंगाल में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेगी। हालांकि, अभिषेक बनर्जी ने दोहराया कि पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का हिस्सा बनी हुई है। लेकिन यहां सवाल उठता है कि यह कैसा गठबंधन है जिसमें शामिल दल एक दूसरे के ही खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो रहे हैं?
हम आपको बता दें कि विपक्षी गठबंधन के इस असमंजस पर भाजपा ने जोरदार कटाक्ष किया है। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा है कि जब से राहुल गांधी की तथाकथित न्याय यात्रा शुरू हुई है, तब से सभी दल एक-एक कर अलग हो रहे हैं। पूनावाला ने कहा कि पहले मायावती ने मना कर दिया, अब ममता बनर्जी ने कह दिया कि वे अलग चुनाव लड़ेंगी, AAP ने कहा है कि पंजाब में वे अलग चुनाव लड़ेंगे… अब अभिषेक बनर्जी कहते हैं कि बंगाल में कांग्रेस के सबसे बड़े नेता अधीर रंजन चौधरी ट्रोजन हॉर्स हैं। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि कांग्रेस पार्टी TMC के दबाव में बंगाल के इतने बड़े नेता को हटा भी दे परंतु सवाल ये पैदा होता है कि INDIA गठबंधन में कितना भ्रम और विरोधाभास है।”