Prabhasakshi NewsRoom: Jaishankar ने कहा- Maldives के विदेश मंत्री से खुलकर बात की, मगर Maldivian Minister ने वो बात सबको बता दी

भारत और मालदीव के बीच चल रहे तनावपूर्ण संबंधों के बीच दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात हुई है। इस मुलाकात में मालदीव ने एक बार फिर भारतीय सैन्य बलों को वापस बुलाने की मांग की तो भारत ने भी अपना रुख साफ-साफ स्पष्ट कर दिया। खास बात यह रही कि मुलाकात के बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने सिर्फ यह कहा कि मालदीव के विदेश मंत्री के साथ खुलकर बात हुई लेकिन खुलकर क्या बात हुई यह बात मालदीव के विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया पर डाली अपनी पोस्ट में खोल कर रख दी। मालदीव के विदेश मंत्री की पोस्ट को देखें तो यह स्पष्ट हो जाता है कि इस समय चीन के प्रभाव में काम कर रहे मालदीव के लिए यह जरूरी हो गया है कि वह भारत के साथ हो रही हर बातचीत को तुरंत ही सार्वजनिक करे ताकि उसके आका शी जिनपिंग के मन में किसी प्रकार का संशय पैदा नहीं हो। हम आपको यह भी बता दें कि जयशंकर ने मालदीव के अलावा कई अन्य देशों के विदेश मंत्रियों से भी वार्ता की है।

जहां तक विदेश मंत्री एस. जयशंकर की कंपाला में मालदीव के अपने समकक्ष मूसा जमीर से मुलाकात की बात है तो आपको बता दें कि इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों पर “स्पष्ट बातचीत” की। युगांडा की राजधानी कंपाला में जयशंकर और जमीर के बीच बैठक भारत और मालदीव के द्विपक्षीय संबंधों में हाल की खटास के बीच हुई। हम आपको बता दें कि जयशंकर आज से शुरू हो रहे गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) के दो-दिवसीय शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए कंपाला में हैं। बैठक की एक तस्वीर साझा करते हुए जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “आज कंपाला में मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर से मुलाकात हुई। भारत-मालदीव संबंधों पर खुलकर बातचीत हुई। एनएएम से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा हुई।” 

वहीं जमीर ने भी ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि एनएएम शिखर सम्मेलन के दौरान जयशंकर से मिलना खुशी की बात थी। उन्होंने लिखा, “हमने भारतीय सैन्यकर्मियों की वापसी के साथ-साथ मालदीव में चल रही विकास परियोजनाओं को पूरा करने में तेजी लाने और दक्षेस तथा एनएएम के भीतर सहयोग पर चल रही उच्च-स्तरीय चर्चा पर विचारों का आदान-प्रदान किया।” मालदीव के मंत्री ने लिखा, “हम अपने सहयोग को और मजबूत और विस्तारित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” उन्होंने इस मुलाकात की एक तस्वीर भी पोस्ट की।

हम आपको यह भी बता दें कि अपने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को कहा था कि भारत मालदीव में विभिन्न कल्याणकारी परियोजनाओं के कार्यान्वयन सहित देश के साथ अपने विकास एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी परियोजनाओं और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम मालदीव के एक महत्वपूर्ण विकास भागीदार रहे हैं।’’ मालदीव द्वारा भारतीय सैनिकों की वापसी पर जोर देने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने सुझाव दिया कि इस मामले पर भारत-मालदीव ‘‘कोर ग्रुप’’ की अगली बैठक में विचार-विमर्श किया जाएगा। ‘‘कोर ग्रुप’’ की अगली बैठक अगले महीने की शुरुआत में नयी दिल्ली में होने वाली है।

उल्लेखनीय है कि भारत-मालदीव संबंधों में हाल में कुछ तनाव आ गया, क्योंकि मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने नवंबर में राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद कहा कि वह भारतीय सैन्यकर्मियों को अपने देश से बाहर निकालने के अपने चुनावी वादे को निभाएंगे। मुइज्जू को व्यापक रूप से चीन समर्थक नेता के रूप में देखा जाता है। इसके अलावा, इस महीने की शुरुआत में सोशल मीडिया पर तब विवाद खड़ा हो गया था जब मालदीव के एक मंत्री और कुछ अन्य नेताओं ने लक्षद्वीप के एक समुद्र तट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का एक वीडियो पोस्ट करने के बाद उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी।

जहां तक कंपाला में जयशंकर की अन्य द्विपक्षीय मुलाकातों की बात है तो आपको बता दें कि उन्होंने मिस्र मालदीव, अंगोला और बेलारूस के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें की, जिस दौरान उन्होंने उनके साथ आपसी हितों और बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग बढ़ाने के मुद्दों पर चर्चा की। जयशंकर ने मालदीव के अलावा मिस्र के विदेश मंत्री समेह शौकरी से भी मुलाकात की और “गाजा में जारी संघर्ष पर उनके आकलन और अंतर्दृष्टि” की सराहना की। मंत्री ने कहा कि उन्होंने अंगोला के विदेश मंत्री टेटे एंटोनियो के साथ “अच्छी मुलाकात” की जिसमें उन्होंने भारत-अंगोला और भारत-अफ्रीका सहयोग के विस्तार पर चर्चा की। जयशंकर ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग के बारे में भी बात की। भारतीय नागरिकों के लिए वीजा-मुक्त व्यवस्था बढ़ाने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।” जयशंकर ने बेलारूस के विदेश मंत्री सर्गेई एलेनिक से भी मुलाकात की और विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “बेलारूस के विदेश मंत्री सर्गेई एलेनिक के साथ एक सार्थक बैठक। विभिन्न क्षेत्रों में भारत-बेलारूस सहयोग पर विचारों का आदान-प्रदान किया। साथ ही यूक्रेन संघर्ष से संबंधित घटनाक्रम पर भी चर्चा की।”

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *