किसानों को समझाने और उन्हें अपना आंदोलन वापस लेने के लिए मनाने की खातिर केंद्रीय मंत्रियों की टीम आज किसान नेताओं से चंडीगढ़ में बातचीत करेगी। हम आपको बता दें कि अब तक सरकार और किसानों के बीच दो दौर की बातचीत हो चुकी है और आज तीसरे दौर की बातचीत होगी। इस बैठक में कोई हल निकल सके इसके लिए मंत्रियों के दल ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक कर उनसे परामर्श लिया है। दरअसल कृषि पृष्ठभूमि वाले राजनाथ सिंह वाजपेयी सरकार में देश के कृषि मंत्री भी रह चुके हैं इसलिए उन्हें सभी मुद्दों की गहरी समझ है।
क्या किसानों से भी बातचीत करेंगे राजनाथ?
हम आपको बता दें कि आंदोलनकारी किसानों के साथ बातचीत अब तक बेनतीजा रही है इसलिए समाधान तलाशने के लिए राजनाथ सिंह से परामर्श किया गया है। हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि रक्षा मंत्री क्या मंत्रियों के उस दल का हिस्सा होंगे जो किसानों से बातचीत करने के लिए चंडीगढ़ जायेगा। बताया जा रहा है कि केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने बुधवार को राजनाथ सिंह से उनके आवास पर मुलाकात की और किसानों के विरोध प्रदर्शन और मुद्दों के समाधान के तरीकों पर चर्चा की। बताया जा रहा है कि अर्जुन मुंडा के अलावा, खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को बुधवार शाम वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये आंदोलनकारी किसान नेताओं के साथ बातचीत करनी थी, लेकिन यह बैठक नहीं हुई क्योंकि संभवतः प्रधानमंत्री के निर्देश पर कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से परामर्श करने के लिए चले गये थे। अब किसान समूहों और मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडल आज शाम को चंडीगढ़ में एक बैठक करेगा।
सरकार और सत्तारुढ़ पार्टी का रुख
हम आपको बता दें कि केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा कह चुके हैं कि एमएसपी की गारंटी देने वाला कानून सभी हितधारकों से विचार-विमर्श किए बिना जल्दबाजी में नहीं लाया जा सकता। इसके अलावा भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनावों में सत्ता में आने पर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट की एक प्रमुख सिफारिश को लागू करने का वादा करने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधा है। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस ने 2010 में लाभकारी कीमतों के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को खारिज कर दिया था। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस ने केंद्र में सत्ता में रहते हुए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को स्वीकार नहीं किया था। भाजपा का कहना है कि तत्कालीन कृषि राज्य मंत्री केवी थॉमस ने 16 अप्रैल 2010 को राज्यसभा में भाजपा सदस्य प्रकाश जावड़ेकर द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा था कि सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की इस सिफारिश को स्वीकार नहीं किया कि एमएसपी उत्पादन की औसत लागत से कम से कम 50 प्रतिशत अधिक होना चाहिए। केवी थॉमस ने भाजपा सदस्य के सवाल के लिखित जवाब में कहा था, ‘‘प्रो. एमएस स्वामीनाथन की अध्यक्षता में राष्ट्रीय किसान आयोग ने सिफारिश की है कि एमएसपी उत्पादन की भारित औसत लागत से कम से कम 50 प्रतिशत अधिक होना चाहिए।’’ थॉमस ने कहा था, ‘‘हालांकि, इस सिफारिश को सरकार ने स्वीकार नहीं किया गया है क्योंकि एमएसपी की सिफारिश कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) द्वारा वस्तुनिष्ठ मानदंडों के आधार पर और विभिन्न प्रासंगिक कारकों पर विचार करते हुए की जाती है।’’
बैठक होने तक आगे नहीं बढ़ेंगे किसान
दूसरी ओर आज की वार्ता में भाग लेने वाले किसान प्रतिनिधियों का भी कहना है कि वह इस वार्ता से कोई समाधान निकलने के प्रति आशान्वित हैं। किसान नेताओं ने कहा है कि वे बैठक होने तक दिल्ली की ओर बढ़ने का फिर से प्रयास नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि आगे की कार्रवाई केंद्र के प्रस्तावों के आधार पर तय की जाएगी। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा है कि बैठक आज शाम पांच बजे होगी। एक अन्य किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने यह पूछे जाने पर कि क्या बैठक होने तक किसान आगे नहीं बढ़ेंगे, ‘‘हां” में जवाब दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पंजाब-हरियाणा सीमा पर तैनात अर्धसैनिक बलों को उन पर आंसू गैस का इस्तेमाल नहीं करने का निर्देश देने की अपील की। उन्होंने यह भी दावा किया कि कई किसान नेताओं के सोशल मीडिया अकाउंट निलंबित कर दिए गए हैं।
लोग हो रहे परेशान
दूसरी ओर, किसानों के प्रस्तावित ‘दिल्ली चलो’ मार्च के मद्देनजर पुलिस ने सिंघू और टीकरी सीमाओं पर कई स्तर के अवरोधक लगाकर वाहनों की आवाजाही रोक दी है, जिससे दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में यातायात प्रभावित हो रहा है। हम आपको बता दें कि दिल्ली और हरियाणा के बीच सिंघू और टिकरी सीमाएं यातायात के लिए पूरी तरह से बंद कर दी गई हैं जबकि गाजीपुर बॉर्डर पर नियंत्रित तरीके से वाहनों की आवाजाही की अनुमति है।
राकेश टिकैत का ऐलान
इस बीच, भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि देश में प्रदर्शनकारी किसानों पर हो रहे “अत्याचार” पर चर्चा के लिए शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में महापंचायत आयोजित की जाएगी। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली और हरियाणा के किसानों और बीकेयू के कार्यकर्ताओं से सिसौली के ‘किसान भवन’ में आयोजित होने वाली महापंचायत में शामिल होने का आह्वान किया गया है। राकेश टिकैत ने फेसबुक पर किए पोस्ट में कहा, ”आप सभी किसानों व भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं को संदेश दिया जाता है कि राष्ट्रीय कार्य समिति के निर्णयानुसार 17 फरवरी 2024 को उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर स्थित किसान भवन सिसौली में मासिक पंचायत का आयोजन किया जाएगा,जिसमें देश के मौजूदा हालात व आंदोलन कर रहे किसानों पर हो रहे जुल्म को लेकर विचार विमर्श किया जाएगा।” उन्होंने कहा कि इस मासिक पंचायत में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा के भारतीय किसान यूनियन के वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहेंगे।