Prabhasakshi NewsRoom: Bihar में प्रसिद्ध काली मंदिर में बलि प्रथा पर रोक के फैसले पर भड़के श्रद्धालु, Giriraj Singh ने हिंदुओं से की खास अपील

बिहार में एक बार फिर धार्मिक मामले को लेकर राजनीतिक बवाल शुरू हो गया है। दरअसल बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड द्वारा दरभंगा स्थित मां श्यामा परिसर में पशु बलि पर रोक लगा दी गयी है। इस फैसले का धार्मिक संगठन तो विरोध कर ही रहे हैं साथ ही भाजपा भी इस फैसले के खिलाफ उतर आई है। बलि प्रथा पर रोक लगाने के निर्णय के विरोध में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष अखिलेश कुमार जैन का पुतला दहन किया। विश्व हिंदू परिषद के नेताओं का कहना है कि हम सनातनी इस बात से आहत हैं कि सदियों से चली आ रही बलि प्रथा पर रोक लगा दी गयी है।

दूसरी ओर, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, “बलि प्रथा अनादिकाल से है। श्यामा मंदिर में धार्मिक ट्रस्ट की ओर से बलि प्रथा बंद करने को कहा गया। मैं उनसे पूछता हूं कि क्या वे बकरीद बंद करा सकते हैं? अगर बकरीद उनका धर्म है तो बलि प्रथा हमारा धर्म है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को मैं सम्मान करता हूं, उनमें अपने धर्म के प्रति इतनी आस्था है कि वे हलाल छोड़कर और कोई मांस नहीं खा सकते। इसलिए सनातन भाइयों से मेरी प्रार्थना है कि वे भी झटका मांस ही खाएं और अगर न मिले तो न खाएं।” 

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि हिंदुओं को हलाल मांस खाना छोड़ देना चाहिए और सिर्फ ‘झटके’ का मांस खाना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सिंह ने अपने संसदीय क्षेत्र बेगूसराय में इस बाबत अपील की और अपने समर्थकों को यह प्रतिज्ञा दिलाई कि वे अब से हलाल मांस खाकर अपना ‘धर्म’ भ्रष्ट नहीं करेंगे। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, “मैं उन मुसलमानों की प्रशंसा करता हूं जिन्होंने तय कर रखा है कि वे केवल हलाल मांस का सेवन करेंगे। अब हिंदुओं को अपनी धार्मिक परंपराओं के प्रति इसी तरह की प्रतिबद्धता प्रदर्शित करनी चाहिए।” उन्होंने कहा, “(जानवर को वध करने का) हिंदू तरीका झटका है। जब भी हिंदू (पशु) ‘बलि’ देते हैं, तो वे एक ही झटके में ऐसा करते हैं। इसलिए, उन्हें हलाल मांस खाकर खुद को भ्रष्ट नहीं करना चाहिए। उन्हें हमेशा झटका (मांस) ही खाना चाहिए।” उन्होंने ऐसे बूचड़खाने स्थापित करने की जरूरत बताई जहां पशु का वध झटके के जरिए हो और केवल झटका मांस बेचने वाली दुकानें हों।

हम आपको याद दिला दें कि कुछ हफ्ते पहले, गिरिराज सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखकर उन खाद्य उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी जिन पर “हलाल” लेबल लगा हो। एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए, केंद्रीय मंत्री ने संसद में हालिया सुरक्षा चूक मामले पर देर से प्रतिक्रिया देने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तंज कसा। भाजपा नेता ने सुरक्षा में सेंधमारी को बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों से जोड़ने के लिए गांधी की आलोचना की। सिंह ने दावा किया, ”यह पहली बार नहीं है कि राहुल गांधी ने ‘टुकड़े-टुकड़े’ गैंग के प्रति सहानुभूति जताई हो। पहले भी, उन्होंने उन लोगों के प्रति एकजुटता व्यक्त की थी जिन्होंने जेएनयू परिसर के अंदर राजद्रोही नारे लगाए थे।”

हम आपको यह भी बता दें कि बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष का आदेश मिलते ही श्यामा माई मंदिर में गर्भ गृह के सामने स्थापित महिषा के सामने मिट्टी डालकर ढक दिया गया है। इसके अलावा बलि प्रदान करने के लिए ली जाने वाली रकम को शुल्क तालिका से मिटा दिया गया है। बताया जा रहा है कि इस कारण भक्तों का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है। सोशल मीडिया पर भी बिहार सरकार के ट्रस्ट से जुड़े इस फैसले का व्यापक विरोध किया जा रहा है।

हम आपको यह भी बता दें कि दरभंगा का श्यामा काली मंदिर बेहद प्राचीन है। मान्यता है कि श्यामा माई का मंदिर श्मशान घाट में महाराजा रामेश्वर सिंह की चिता पर बना है। महाराजा रामेश्वर सिंह के बारे में उल्लेख मिलता है कि वह दरभंगा राज परिवार के साधक राजा थे। उनके नाम पर ही इस मंदिर को रामेश्वरी श्यामा माई के नाम से जाना जाता है। बताया जाता है कि इस मंदिर की स्थापना 1933 में दरभंगा के महाराजा कामेश्वर सिंह ने की थी।

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