पाकिस्तान ने पुष्टि की कि भारत ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के संस्थापक हाफिज सईद के प्रत्यर्पण की मांग की है, लेकिन साथ ही कहा कि दोनों देशों के बीच “कोई द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि नहीं है”। 2008 के मुंबई हमले का मास्टरमाइंड और संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी हाफिज सईद भारतीय जांच एजेंसियों द्वारा कई आतंकी मामलों में वांछित है। शुक्रवार को विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि पाकिस्तान स्थित सईद के प्रत्यर्पण का अनुरोध कुछ दस्तावेजों के साथ हाल ही में इस्लामाबाद को भेजा गया था।
सईद के बेटे के पाकिस्तान में चुनाव लड़ने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर बागची ने कहा कि उस देश में कट्टरपंथी आतंकवादी संगठनों का मुख्यधारा में आना कोई नयी बात नहीं है। बागची ने कहा, हमने इस संबंध में कुछ खबरें देखी हैं। यह एक आंतरिक मामला है। उन्होंने कहा कि वह किसी भी देश के आंतरिक मुद्दों पर आमतौर पर टिप्पणी नहीं करते हैं।
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच ने कहा कि पाकिस्तान को भारतीय अधिकारियों से “तथाकथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले” में सईद के प्रत्यर्पण की मांग करने वाला अनुरोध मिला है। उन्होंने कहा कि “यह ध्यान रखना उचित है कि पाकिस्तान और भारत के बीच कोई द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि मौजूद नहीं है।” भारत का पाकिस्तान के साथ कोई प्रत्यर्पण समझौता नहीं है। हालांकि, मामले से वाकिफ लोगों ने कहा कि इस तरह के मसौदा समझौते के अभाव में भी प्रत्यर्पण संभव है। सईद के नेतृत्व वाला जमात-उद-दावा (जेयूडी) लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का मुखौटा संगठन है। लश्कर-ए-तैयबा 2008 के मुंबई हमले को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार है, जिसमें छह अमेरिकियों सहित 166 लोग मारे गए थे।
वहीं, बब्बर खालसा इंटरनेशनल के सदस्य लखबीर सिंह लांडा को भारत ने आतंकी घोषित कर दिया है। इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने घोषणा की है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लखबीर सिंह लांडा को आतंकी घोषित करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना के मुताबिक लखबीर सिंह लांडा के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम के तहत ये फैसला हुआ है। अब भारत सरकार ने गैंगस्टर लखबीर सिंह लांडा को आतंकवादी घोषित किया है। जानकारी के मुताबिक गैंगस्टर लखबीर सिंह लांडा मूल रूप से पंजाब से ताल्लुक रखता है। वो पंजाब के तरनतारन का रहने वाला है।